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Jitiya Vrat 2023: इस साल कब है जितिया व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, तिथि, महत्व और पूजा विधि

Jitiya Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जितिया व्रत भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को पूर्वांचल समाज की महिलाएं बड़े ही श्रद्धा भाव से रखती है। ऐसी मान्यता है कि […]

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Sep 23, 2023 10:46
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Jitiya Vrat 2023
Jitiya Vrat 2023

Jitiya Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जितिया व्रत भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को पूर्वांचल समाज की महिलाएं बड़े ही श्रद्धा भाव से रखती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पुत्र की लंबी आयु और पुत्र की प्राप्ति होती है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आइए इस खबर में जानते हैं जितिया व्रत का महत्व, शुभ तिथि और पूजा विधि के बारे में।

जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जीवित्पुत्रिका का व्रत सुहागिन महिलाएं पुत्र की प्राप्ति और दीर्घायु होने के लिए रखती है। इस दिन 24 घंटे तक बिना कुछ खाए पिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत को करती है, उसके बच्चे चारों ओर यानी सभी जगह प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही लंबे समय तक जीवित भी रहते हैं।

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जीवित्पुत्रिका 2023 व्रत कब

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत 5 अक्टूबर के दिन नहाए-खाए से शुरू होगा और 6 अक्टूबर को व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत 3 दिनों तक चलने वाला पर्व हैं। व्रत के अगले दिन यानी 7 अक्टूबर को पारण सुबह 8 बजकर 08 मिनट के बाद कर सकते हैं।

जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा- विधि

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन प्रातकाल उठकर स्नान करना चाहिए।
  • इसके बाद सूर्य नमस्कार करें और सूर्य की प्रतिमा को स्नान कराएं।
  • स्नान कराने के बाद धूप और दीप आदि से आरती करना चाहिए।
  • आरती के बाद कुशा से बनी जीमूतवाहन की मूर्ति को धूप-दीप आदि सारे पूजन सामग्री अर्पित करें।
  • इसके बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और कथा सुने।
  • अगले दिन व्रत का पारण करने का बाद दान जरूर करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Sep 23, 2023 10:46 AM

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