---विज्ञापन---

इस मंदिर में महिलाओं के वस्त्र पहन कर पुरुष करते हैं पूजा, मिलती है सरकारी नौकरी और सुंदर पत्नी!

Kottankulangara Devi Temple: हाल ही में आपने सबरीमाला मंदिर के बारे में सुना होगा जहां महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। देश में ऐसे अनेकों धार्मिक स्थान हैं, जहां महिलाओं का मंदिर में प्रवेश मना है। इनमें हिंदू धर्म ही नहीं, बल्कि दूसरे धर्मों के भी धार्मिक स्थल शामिल हैं। परन्तु क्या आप जानते […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Mar 9, 2023 15:54
Share :
Kottankulangara Devi Temple, Kottankulangara Devi Temple In Kerala, कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर, केरल के मंदिर,

Kottankulangara Devi Temple: हाल ही में आपने सबरीमाला मंदिर के बारे में सुना होगा जहां महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। देश में ऐसे अनेकों धार्मिक स्थान हैं, जहां महिलाओं का मंदिर में प्रवेश मना है। इनमें हिंदू धर्म ही नहीं, बल्कि दूसरे धर्मों के भी धार्मिक स्थल शामिल हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं कि कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।

जी हां, यह बिल्कुल सत्य है। दक्षिण भारत में केरल के ‘कोट्टनकुलंगरा देवी’ मंदिर में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, फिर चाहे वे किसी भी आयु के हों। यह मंदिर देवी कोट्टनकुलंगरा को समर्पित है। इस मंदिर में केवल महिलाओं और किन्नरों को ही प्रवेश की अनुमति है। पुरुषों को अंदर जाने के लिए महिला के रूप में तैयार होना पड़ता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ेंः Jyotish Tips: आज पूरे दिन में कभी भी एक बार पढ़ें लक्ष्मी जी का यह मंत्र, पैसा बरसने लगेगा

यह है मंदिर (Kottankulangara Devi Temple) का इतिहास

स्थानीय श्रुतियों के अनुसार बहुत समय पहले यहां पर देवी की प्रतिमा स्वयं ही प्रकट हुई थी। उस समय वहां पर जंगल था जहां चरवाहे पशु चराने जाते थे। इस प्रतिमा को सबसे पहले उन्होंने ही देखा और किसी अज्ञात प्रेरणावश उन्होंने महिलाओं के वस्त्र धारण कर देवी को पुष्प अर्पित किए और पूजा की। कालांतर में यह स्थान एक मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया। तभी से मान्यता हो गई कि इस मंदिर में पुरुषों को पूजा की अनुमति नहीं दी जाती है।

---विज्ञापन---

मंदिर के गर्भगृह पर नहीं है छत

यह मंदिर अपने आप में कई कारणों से अनूठा है। यहां देवी स्वयं ही प्रकट हुई थी। उनके गर्भगृह पर छत भी नहीं है। माना जाता है कि मंदिर पर छत का होना अशुभ होगा, इसी कारण मंदिर की छत नहीं बनाई गई है।

यह भी पढ़ेंः Shukra Ke Upay: भूल कर भी न पहने ऐसे कपड़े, दुर्भाग्य हाथ धोकर पीछे पड़ जाएगा

पुरुषों को इस एक शर्त पर मिलती है पूजा की अनुमति

मंदिर में किसी भी उम्र के पुरुष प्रवेश कर पूजा कर सकते हैं। परन्तु इसके लिए उन्हें एक शर्त माननी होती है। इस शर्त के अनुसार पुरुषों को महिलाओं के वस्त्र पहन कर उन्हीं की तरह पूरे 16 श्रृंगार कर महिला का रूप लेना होता है। इसके बाद ही वह मंदिर में जा सकते हैं। पुरुष चाहे किसी भी उम्र का हो छोटे से छोटा बच्चा या बूढ़े से बूढ़ा व्यक्ति, सभी को महिलाओं के वस्त्र पहनना आवश्यक है।

Kottankulangara Devi Temple में बना हुआ है श्रृंगार कक्ष

पुरुष सही तरह से महिलाओं की तरह तैयार हो सकें, इसके लिए मंदिर में एक श्रृंगार कक्ष भी बनाया गया है। यदि पुरुष स्वयं तैयार नहीं हो पाते हैं तो वे अपनी पत्नी, बहन या माता की सहायता भी ले सकते हैं। वे अपने साथ के अन्य पुरुषों से भी सहायता ले सकते हैं। मंदिर में जाने के लिए केवल महिलाओं के वस्त्र पहनना ही काफी नहीं है बल्कि पूरी तरह 16 श्रृंगार करना अनिवार्य है।

यह भी पढ़ेंः Jyotish Tips: ऐसे करें हनुमानजी को याद तो हर मुश्किल होगी आसान

कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर में प्रत्येक वर्ष होता है 2 दिवसीय उत्सव

इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष 23 और 24 मार्च को चाम्याविलक्कू उत्सव मनाया जाता है। स्थानीय मान्यता है कि इस उत्सव के दौरान महिलाओं की तरह तैयार होकर देवी की पूजा करने से अच्छी नौकरी और सुंदर पत्नी मिलती है। इस कारण इस उत्सव में देश भर से हजारों पुरुष यहां आते हैं और महिलाओं की भांति तैयार होकर देवी आराधना करते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Sunil Sharma

First published on: Mar 09, 2023 03:31 PM
संबंधित खबरें