Grah Gochar in November 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों का खास महत्व होता है और सभी ग्रह 12 राशियों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालते हैं। सूर्य ग्रह, चंद्र ग्रह, मंगल ग्रह, बुध ग्रह, गुरु ग्रह, शुक्र ग्रह, शनि ग्रह, राहु ग्रह और केतु ग्रह द्वारा समय-समय पर नक्षत्र और राशि परिवर्तन किया जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक असर पड़ सकता है।
नवंबर के महीने में एक या दो ग्रह नहीं बल्कि 7 ग्रहों द्वारा नक्षत्र और राशि परिवर्तन किया जाएगा। इस महीने शनि मार्गी होंगे और कुछ ग्रह राशि परिवर्तन तो कुछ एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। आज हम गोचर क्या है? मार्गी और वक्री का मतलब क्या होता है? इसके बारे में बताने के साथ ही 7 ग्रहों का नक्षत्र और राशि परिवर्तन कब-कब हो रहा है? ये भी बताने जा रहे हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।
नवंबर में कब-कब हो रहा है ग्रह ग्रहों का महापरिवर्तन?
वैदिक पंचांग के अनुसार नवंबर में 7 ग्रहों का महापरिवर्तन होने वाला है। इस दौरान अलग-अलग ग्रह राशि और नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं।
- 7 नवंबर 2024 को सुख-समृद्धि के देवता शुक्र राशि परिवर्तन करेंगे। इस दौरान शुक्र ग्रह, धनु राशि में प्रवेश करेंगे।
- 10 नवंबर 2024 को छाया ग्रह राहु नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस दौरान राहु उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
- 10 नवंबर 2024 को केतु भी नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस दौरान राहु उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
- 15 नवंबर 2024 को कर्मफल के स्वामी शनि ग्रह मार्गी होंगे।
- 16 नवंबर 2024 को ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। इस दौरान सूर्य वृश्चिक में गोचर करेंगे।
- 26 नवंबर 2024 को ग्रहों के राजकुमार बुध वक्री होंगे।
- 28 नवंबर 2024 को देवगुरु बृहस्पति नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस दौरान रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
गोचर का शाब्दिक अर्थ क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ‘गम्’ धातु से गोचर शब्द बना है जिसका शाब्दिक अर्थ “चलने वाला” होता है। गोचर में “चर” शब्द का मतलब ‘गतिमय होना’ है। इस तरह से गोचर का मतलब “निरंतर चलने वाला” है। इसलिए एक तय समय तक ग्रह राशि में रहते हैं और फिर दूसरी राशि में प्रवेश करते है। ग्रहों के इस बदलाव को ग्रह गोचर कहा जाता है।
मार्गी और वक्री का मतलब क्या होता है?
मार्गी का अर्थ सीधी चाल से चलना होता है। जबकि, वक्री का मतलब किसी ग्रह की उल्टी चाल होती है। अगर कोई ग्रह आगे चलने की वजह पीछे चले तो उसे ग्रह वक्री कहा जाता है। अगर ग्रह सीधा चाल की गति के साथ है तो वो स्थिति ग्रह मार्गी कहलाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।