Gemstone for Evil Eye: काला जादू, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है. चाहे छोटा बच्चा हो, युवा हो या बुजुर्ग, बुरी नजर किसी को भी प्रभावित कर सकती है. इसके कारण व्यक्ति स्वास्थ्य, मानसिक शांति और प्रगति, तीनों में बाधा महसूस करता है. इस नकारात्मकता से रक्षा के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें सबसे असरदार माना जाता है सुलेमानी पत्थर. यह पत्थर सुरक्षा, स्थिरता और आध्यात्मिक शक्ति का मजबूत कवच माना जाता है. आइए जानते हैं, असली सुलेमानी पत्थर कैसे पहचानें, इसे पहनने से क्या-क्या लाभ होते हैं और धारण करने का तरीका क्या है?
ऐसा होता है असली सुलेमानी पत्थर
सुलेमानी पत्थर को अंग्रेजी में ओनिक्स अगेट (Onyx Agate) कहा जाता है. यह गहरे काले रंग का अपारदर्शी पत्थर होता है, जिसपर सफेद, ग्रे या हल्की धारियों के प्राकृतिक बैंड दिखाई देते हैं. मान्यता है कि इसकी रहस्यमय परतें इसे और भी शक्तिशाली बनाती हैं. यह भी कहा जाता है कि यह पत्थर प्राचीन समय में सुरक्षा और शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता था. असली पत्थर हाथ में भारी, ठंडा और अपनी प्राकृतिक धारियों के कारण विशेष पहचान रखता है.
बुरी नजर और काला जादू से सुरक्षा
सुलेमानी पत्थर का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह व्यक्ति को बुरी नजर, काला जादू, टोना-टोटका और नकारात्मक ऊर्जा से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. कहते हैं कि यह पहनने वाले के आसपास एक सुरक्षा कवच बनाता है. बाहरी नकारात्मक ऊर्जा उस कवच के भीतर तक नहीं पहुंच पाती है.
जिन्हें बार-बार नजर लगती है, उनके लिए यह बेहद कारगर माना जाता है. यह पत्थर दूसरों की ईर्ष्या, क्रोध और जलन से निकलने वाली नकारात्मक वाइब्रेशन को सोखकर व्यक्ति को शांत और संतुलित रखने में भी मदद करता है.
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कम करता है शनि-राहु-केतु का असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुलेमानी पत्थर शनि, राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने वाला पत्थर माना गया है. साढ़ेसाती, ढैया और राहु-केतु की दशा में राहत देता है. बेचैनी, भय, रुकावटें और मानसिक अस्थिरता को कम करता है. साथ ही, यह अचानक आने वाली कठिनाइयों, कोर्ट-कचहरी, दुश्मनों या गुप्त शत्रुओं के प्रभाव को भी शांत करता है.
स्वास्थ्य, ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि
रत्न विशेषज्ञ बताते हैं कि सुलेमानी पत्थर शरीर और मन दोनों को सकारात्मक ऊर्जा देता है. कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इससे लाभ मिलता है. मानसिक तनाव, चिंता और डर कम होता है. आत्मविश्वास बढ़ता है और निर्णय क्षमता मजबूत होती है. बच्चों में चंचलता, बेचैनी और नजर लगने की समस्या कम होती है. यह व्यक्ति के मूड स्विंग को भी स्थिर करता है और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार ला सकता है.
ऐसे धारण करें सुलेमानी पत्थर
इस पत्थर को पहनना आसान और लगभग हर उम्र के व्यक्ति के लिए सुरक्षित है. कहा जाता है कि यह पत्थर पहनने के बाद पहले 21 दिनों में इसका प्रभाव सबसे अधिक महसूस होता है.
धातु: चांदी में अंगूठी या लॉकेट सबसे शुभ माना जाता है.
धागा: काला या नीला धागा उपयुक्त है.
दिन: शनिवार का दिन पहनने के लिए सर्वश्रेष्ठ है.
शुद्धि: पहनने से पहले गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें और अपने इष्ट देव का स्मरण करें.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










