Four Habits Of Geeta Shastra: भगवद गीता धर्म, भक्ति, कर्म, मोक्ष, राज योग आदि पर हिंदू आध्यात्मिक विचारों का एक संश्लेषण और संग्रह है। रामायण के साथ, भगवद गीता एक महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथ है और इसे भारतीय आध्यात्मिकता के क्लासिक्स में गिना जाता है हिंदू धर्म में भगवद गीता को एक बहुत ही पवित्र ग्रंथ माना गया है। गीता में मनुष्य को अपने जीवन की लगभग हर समस्या का हल मिल सकता है। इसमें लगभग 701 श्लोकों के साथ 18 योग हैं। साथ ही भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया है, जो मनुष्य को आगे बढ़ाने और सफल बनने से रोकती हैं। आइए जानते हैं, कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में जिन्हें व्यक्ति को त्याग देना चाहिए।
अपनी तुलना दूसरों से न करें
गीता में बताया गया है, कि कभी अपनी तुलना दूसरों से नहीं करना चाहिए। दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला व्यक्ति कभी खुश नहीं रहता हैं। ऐसा करने वाला व्यक्ति अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाता है। जिस वजह से उसे किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती है।
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इन आदतों का करें त्याग
गीता में बताया गया है, कि दूसरों से मदद लेने में कभी झिझकना नही चाहिए। लेकिन यह आदत भी आपकी सफलता में बाधा का काम कर सकती है। दूसरों की मदद लेना और उनकी मदद करना दोनों ही आवश्यक है।
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दूसरों को खुशियां दें
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में बताया है, कि जो लोग दूसरों को परेशान करते है, वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं होते है। शास्त्रों के अनुसार खुशियां बांटने से दोगुनी होती है। और दुख बांटने से कम होता है। लेकिन लोगों की आदत होती है कि वे अपनी समस्याओं को दूसरों से छुपा कर रखते हैं,अपनी खुशियां भी बांटना पसंद नहीं करते।
मेहनत से ही मिलती है सफलता
श्री कृष्ण ने गीता में बताया है,कि किसी भी कार्य को करने के लिए उसकी तैयारी जरूर करे। कम समय और बिना योजना बनाए, आपको कभी भी सफलता नही मिल सकती है।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।