Zodiac Signs: वैदिक ज्योतिष के नवग्रहों में बृहस्पति सबसे अधिक शुभ ग्रह माने गए हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने प्रभास तीर्थ में देवाधिदेव शिव की कठोर साधना कर देवगुरु की पदवी पायी थी। साथ ही महादेव ने उन्हें नवग्रह में भी स्थापित किया। नवग्रहों में वे शिक्षा, ज्ञान, धर्म, अध्यात्म, न्याय, धन, भाग्य, विवाह और संतान आदि कारक यानी स्वामी, नियंत्रक और दाता ग्रह हैं। देवगुरु बृहस्पति इस समय वृषभ राशि में विराजमान हैं। जहां तक नक्षत्र की बात है, तो उन्होंने 28 नवंबर 2024 से रोहिणी नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं।
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति एक बेहद महत्वपूर्ण ग्रह हैं। यह देखा गया है कि गुरु ग्रह जब मेहरबान होते हैं, तो जातक (व्यक्ति) को गरीब से अमीर नहीं बल्कि बहुत अमीर बना देते हैं। चूंकि वे एक धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं, इसलिए उनका असर लंबे समय तक बना रहता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 4 राशियों पर देवगुरु बृहस्पति की खास कृपा रहती है। आइए जानते हैं, ये 4 भाग्यशाली राशियां कौन-सी हैं?
कर्क राशि
गुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के हो जाते हैं और सबसे शुभ अवस्था में होते हैं। यही कारण है कि देवगुरु को कर्क राशि के जातक बेहद प्रिय होते हैं। यह देखा गया है कि इस राशि के जातकों पर गुरु बृहस्पति की सदैव कृपा बनी रहती है। बृहस्पति की कृपा से कर्क राशि के जातकों पर आजीवन सौभाग्य और समृद्धि की बारिश होती रहती है। उन्हें जीवन में कई प्रकार के सुख मिलते हैं, जैसे कि धन, यश, मान-सम्मान और सुखी वैवाहिक जीवन।
यह देखा गया है कि जब-जब गुरु बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करते हैं या दृष्टि डालते हैं, तो इस राशि के जातकों को अपार धन लाभ होता है। इनके जीवन में सौभाग्य का साथ हमेशा बना रहता है। गुरु कृपा से ये लोग शिक्षण कार्य और सोशल वर्क आदि में बेहद आगे होते हैं और खूब शोहरत कमाते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी ग्रहों के राज्य सूर्य हैं, जो गुरु ग्रह के परम मित्र हैं। इस राशि के जातकों के ऊपर भी गुरु बृहस्पति की खास कृपा बरसती है। यह देखा गया है कि जब-जब गुरु बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करते हैं या दृष्टि डालते हैं, तो इस राशि के जातकों को जीवन के हर प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। गुरु और सूर्य की महादशा और अंतर्दशा इन राशियों के लोगों को हर फील्ड में सफलता मिलती है।
गुरु, सिंह राशि के जातकों में आत्मविश्वास और नेतृत्व के गुणों को बढ़ाता है। ये लोग अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। गुरु को ज्ञान, विवेक और सौभाग्य का कारक माना जाता है। सिंह राशि के जातकों पर गुरु की विशेष कृपा होती है, जिसके कारण वे जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करते हैं।
धनु राशि
धनु राशि राशिचक्र की नौवीं राशि है। यह राशि अग्नि तत्व की तेजस्वी और उत्साही राशि है, जिसके स्वामी स्वयं गुरु ग्रह बृहस्पति हैं। ये लोग मानो एक तीर की तरह जीवन में आगे बढ़ते हैं, नए ज्ञान और अनुभवों को खोजते रहते हैं। इनका स्वभाव बेहद रोचक और विविधतापूर्ण होता है। गुरु बृहस्पति की कृपा से इस राशि में जन्मे व्यक्ति उत्साही, आदर्शवादी, ईमानदार, दयालु, बुद्धिमान, रचनात्मक और स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं।
यह देखा गया है कि गुरु कृपा से इस राशि के जातक लेखन और संपादन कार्य, शिक्षण कार्य और ज्यूडिशियरी (न्यायिक) कार्य में बेहद नाम और धन कमाते हैं, जो समय के साथ बढ़ता ही जाता है। ये लोग स्वतंत्र सोच और जोखिम लेने की प्रवृत्ति वाले होते हैं। इसलिए ये अपना काम या व्यवसाय करने को भी अधिक महत्व देते हैं और इस फील्ड में भी खूब नाम कमाते हैं।
मीन राशि
मीन राशि ज्योतिष चक्र की अंतिम यानी 12वीं राशि है। मीन राशि, जल तत्व की एक रहस्यमयी दुनिया है। इस राशि के स्वामी भी स्वयं बृहस्पति ग्रह हैं। इस राशि के लोग बेहद दयालु और सहानुभूति रखने वाले होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। इनके इस गुण के कारण इस राशियों के जातकों के ऊपर देवगुरु की खास कृपा रहती है। यह देखा गया है कि इस राशि के जातक गुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से रचनात्मकता और कल्पना की असीम गहराइयों में खो जाते हैं।
गुरु बृहस्पति की कृपा से इनमें कला, संगीत और साहित्य के प्रति गहरा लगाव होता है और ये अपनी कल्पना शक्ति से अद्भुत चीजें बना सकते हैं। मीन राशि के लोग अपनी सहानुभूति और दूसरों की भावनाओं को समझने की गहरी क्षमता के कारण अक्सर बेहतरीन मनोवैज्ञानिक बनते हैं। लॉजिकल और एनालिटिकल होना भी मीन राशि के व्यक्तियों का एक गुण है। वे न्याय करने में विश्वास रखते हैं। अपनी इन गुणों के कारण वे ज्यूडिशरी यानी न्यायिक सेवा में अपना करियर बना धन और नाम दोनों अर्जित सकते हैं।
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