Zodiac Signs: नवग्रहों में बुध बेहद तेज चलने वाले ग्रह हैं। जनवरी 2025 में बुध दोहरा नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं। उनका पहला नक्षत्र परिवर्तन संक्रांति से एक दिन पहले यानी 13 जनवरी को हुआ था, जब उन्होंने पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गोचर किया था। लगभग 10 दिनों तक पूर्वाषाढ़ा में विराजमान रहने के बाद बुध 22 जनवरी को दोपहर बाद 2 बजकर 55 मिनट पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करंगे। आकाशमंडल के 27 नक्षत्रों में उत्तराषाढ़ा 21वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र में बुध गोचर ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना जाता है, क्योंकि इस राशि के स्वामी सूर्य हैं।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में बुध गोचर का ज्योतिष महत्व
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, जिसे सूर्य का स्वामित्व प्राप्त है, स्थिरता, दृढ़ निश्चय, और नेतृत्व की ऊर्जा का प्रतीक है। जब बुध इस नक्षत्र में गोचर करते है, तो यह संयोग बुध और सूर्य की ऊर्जा का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। प्रायः इसे बुद्धि और नेतृत्व का मेल कहा जाता है। इस गोचर के दौरान व्यक्ति में आत्मविश्वास और संप्रेषण की क्षमता बढ़ सकती है। यह समय नेतृत्व से जुड़े निर्णय लेने और नई योजनाएं बनाने के लिए अनुकूल होता है। करियर के क्षेत्र में, व्यक्ति अपनी योजनाओं को स्पष्टता और कुशलता से प्रस्तुत कर सकता है, जिससे सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह गोचर उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ होता है, जो शिक्षा, राजनीति, लेखन और प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े हैं।
ये भी पढ़ें: Neem Karoli Baba: बच्चों को सिखाएं नीम करोली बाबा की ये 5 आदतें, सफल होने से कोई नहीं रोक सकता!
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में बुध गोचर का राशियों पर असर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शुभ कार्यों के लिए उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में बुध गोचर उत्तम समय प्रदान करता है। इस नक्षत्र में बुध का गोचर 3 राशियों के लिए अत्यधिक शुभ रहेगा। ये राशियां है: वृषभ, कन्या और मकर। यह समय इन राशियों के जातकों के लिए करियर, वित्तीय स्थिति और संबंधों में सुधार होने का शानदार योग दर्शा रहा है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह स्वयं हैं। इसलिए उत्तराषाढ़ा नक्षत्र बुध का गोचर इस राशि के लिए कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इस गोचर के दौरान मिथुन राशि के जातकों को करियर में उन्नति और मान-सम्मान प्राप्त होगा। प्रबंधन और नेतृत्व से जुड़े कार्यों में सफलता मिलेगी। नई योजनाओं और परियोजनाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा। आर्थिक लाभ के योग बनेंगे। यह समय निवेश और संपत्ति खरीदने के लिए शुभ रहेगा। व्यापार में नई साझेदारियां लाभकारी साबित होंगी। बुध की ऊर्जा आपकी संवाद शैली को बेहतर बनाएगी। आप अपने विचार प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में सफल रहेंगे। पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे और किसी पुराने विवाद का समाधान निकल सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के स्वामी स्वयं बुध हैं और यह गोचर इस राशि के जातकों के लिए अत्यधिक शुभ फल देने वाला साबित हो सकता है। बुध की यह स्थिति इस राशि के जातकों को हर क्षेत्र में लाभ पहुंचाएगी। आपकी तार्किक सोच और निर्णय लेने की क्षमता इस समय अपने चरम पर होगी। आपके विचार और योजनाएं कार्यक्षेत्र में सफलता लाएंगी। करियर में प्रगति होगी और आप नई जिम्मेदारियों को कुशलता से निभा पाएंगे। जो लोग व्यवसाय में हैं, उन्हें विदेशी स्रोतों से लाभ हो सकता है। इस गोचर के दौरान आप मानसिक और शारीरिक रूप से ऊर्जावान महसूस करेंगे। पुराने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे दूर हो सकते हैं। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। आपके संबंधों में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।
तुला राशि
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और बुध का यह नक्षत्र गोचर इस राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है। बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में गोचर आपके धैर्य और स्थिरता को बढ़ावा देगा। आपकी आय में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा जातकों को वेतन वृद्धि या पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह समय बड़े अनुबंध प्राप्त करने और मुनाफा कमाने का रहेगा। यह समय छात्रों के लिए बेहद अनुकूल है। सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के प्रबल योग हैं। जो लोग किसी नई भाषा या कौशल को सीखना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहतरीन समय है। परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते मधुर होंगे। आपके विचारों और सुझावों की सराहना होगी, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
ये भी पढ़ें: Numerology: 2025 में इस मूलांक की 3 तारीखों में जन्मे लोगों पर होगी हनुमान जी की खास कृपा, बनेंगे बिगड़े काम!
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।