Budh Ast 2024: ग्रहों के उदय होने से अधिक उनके अस्त होने पर ज्योतिषाचार्यों की विशेष नजर रहती है। ग्रहों के अस्त होने पर प्रायः मांगलिक और महत्वपूर्ण कार्य रोक दिए जाते हैं। शुभ ग्रह बुध 6 जून, 2024 से अस्त हो गए हैं। आइए जानते हैं, इसका ज्योतिष महत्व क्या है और व्यापार, करियर, हेल्थ और लव लाइफ पर इसका क्या असर पड़ने की संभावना है?
बुध अस्त का ज्योतिष महत्व
‘अस्त’ ज्योतिष शास्त्र का एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द है। शुभ ग्रहों का अस्त होना इस शास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना गया है। बुध वाणिज्य-व्यापार, वाणी, संवाद, विवेक-चातुर्य, करियर, हास्य-व्यंग्य , मनोरंजन, लर्निंग, मैथमैटिक्स, लेखा-जोखा, पत्रकारिता और संचार आदि के कारक और स्वामी ग्रह हैं। बुध के अस्त होने से जीवन के इन सभी पहलुओं पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर होते हैं। 6 जून, 2024 को बुध वृषभ राशि में अस्त हुए हैं और वे 25 जून को मिथुन राशि में उदित होंगे। अपने अस्त अवस्था में बुध लगभग प्रभावहीन रहेंगे। परिणामस्वरूप जिन मुख्य कारकों की बात यहां की गई है, उनके मुख्य फलों में कमी आ जाएगी या उनके फल नहीं भी मिल सकते हैं।
बुध अस्त का व्यापार पर असर
बुध के अस्त होने से व्यापार के कार्य मंद पड़ सकते हैं। कारोबार से जुड़े प्रोजेक्ट लंबित हो सकते हैं। यदि कुंडली में किसी और ग्रह का दोष है या कोई ग्रह कमजोर हैं, तो प्रोजेक्ट खारिज भी हो सकता है। वित्तीय संकट आ सकता है। कर्मचारियों को वेतन देने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अभी कोई नया निवेश न करें या कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं करना बेहतर होगा।
बुध अस्त का करियर पर असर
करियर के क्षेत्र पर अस्त बुध के प्रभाव से दो प्रकार के असर हो सकते है- संस्थागत और व्यक्तिगत। शिक्षण कार्य से जुड़ी संस्थाओं की प्रॉफिट नेगेटिव हो सकती है या खर्च अधिक और धन की आमद कम हो सकती है। व्यक्तिगत रूप से पठन-पाठन से जुड़े व्यक्तियों को निर्णय लेने में कठिनाई आ सकती हैं, वे गलत निर्णय ले सकते हैं। लर्निंग स्किल्स बाधित हो सकता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
हेल्थ पर अस्त बुध का असर
हेल्थ पर अस्त बुध का असर बहुत ज्यादा असरकारी नहीं है, लेकिन एलर्जी और स्किन से जुड़ी समस्याएं सामने आ सकती हैं। रोग पर दवा का असर कम हो सकता हैं, जो परेशानी का कारण बन सकती है।
लव लाइफ पर असर
बुध अस्त होने का असर वाणी, बुद्धि-चातुर्य, हास्य-व्यंग्य पर पड़ने की संभावना है। वाणी पर नियंत्रण में कमी आ सकती है या कठोरता बढ़ सकती है। इन सबसे रिश्तों पर असर पड़ने के योग हैं। वाणी पर नियंत्रण न होने से पारिवारिक कलह और विवाद बढ़ सकते हैं। आपसी बातचीत में हास्य-व्यंग का अभाव होने माहौल बोझिल रह सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।