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130 वर्ष बाद बना बुद्ध पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग, इन उपायों को करते ही बदलेगी किस्मत

Buddha Purnima: बैसाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें आत्मज्ञान भी प्राप्त हुआ था। इसलिए भी इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन को वैशाखी पूर्णिमा तथा पीपल पूर्णिमा के नाम […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: May 4, 2023 12:41
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Buddha Purnima: बैसाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें आत्मज्ञान भी प्राप्त हुआ था। इसलिए भी इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन को वैशाखी पूर्णिमा तथा पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा 2023: तिथि एवं मुहूर्त (Buddha Purnima Date Muhurat)

पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा तिथि 4 मई 2023, गुरुवार को रात्रि 11.45 बजे आरंभ होगी तथा इसका समापन अगले दिन 5 मई 2023, शुक्रवार को रात्रि 11.05 बजे होगा। अतः बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को ही मनाई जाएगी। इस दिन स्वाती नक्षत्र भी है जो परम श्रेष्ठ तथा शुभ माना गया है।

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इस दिन सुबह 7.25 बजे से 9.05 बजे तक लाभ का चौघड़िया, दोपहर 12.24 बजे से 2.03 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। दोपहर 12.50 बजे से 2.26 बजे तक अमृत काल एवपं 11.57 बजे से 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इन मुहूर्तों में भगवान की पूजा की जा सकती है।

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क्या है बुद्ध पूर्णिमा का महत्व (Importance of Buddha Purnima)

शास्त्रों में बुद्ध पूर्णिमा को अत्यधिक पवित्र मान कर इस दिन पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान करने की सलाह दी गई है। इस दिन मां लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही उसका भाग्योदय भी होता है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा पर उपछाया चंद्रग्रहण भी हो रहा है। बैसाख पूर्णिमा पर उपछाया ग्रहण का अद्भुत संयोग लगभग 130 वर्ष बाद बन रहा है। ऐसे में यह दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है।

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क्या करें बुद्ध पूर्णिमा के दिन

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार पूर्णिमा का दिन भगवान श्रीहरि को समर्पित किया गया है। इस दिन उनकी प्रसन्नता हेतु समस्त प्रकार के धार्मिक कर्मकांड किए जा सकते हैं। यदि आप भी इन उपायों को करेंगे तो निश्चित रूप से सौभाग्य की प्राप्ति होगी। पूर्णिमा के उपाय निम्न प्रकार हैं

  1. पूर्णिमा का व्रत रखें तथा भगवान श्रीहरि एवं मां लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले चंदन का तिलक लगाएं। उन्हें पीले वस्त्र, पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई व फल अर्पित करें। इससे समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  2. यदि संभव हो तो इस दिन गंगा अथवा अन्य पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा न हो पाएं तो अपने आसपास के तीर्थस्थलों पर जाकर दर्शन करना चाहिए।
  3. बैसाख पूर्णिमा पर जल एवं अन्न का दान सर्वोत्तम बताया गया है। आप भी किसी सार्वजनिक प्याऊ पर पीने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं अथवा अन्नदान कर सकते हैं।
  4. इस दिन समस्त प्रकार के तामसिक भोजन यथा लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, मछली, नशीले पदार्थ आदि से दूर रहना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपको कष्ट भी भोगना पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Sunil Sharma

First published on: May 04, 2023 12:39 PM

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