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Braj Holi 2024: ब्रज में क्यों खास है लट्ठमार होली, यहां देखें 40 दिनों का ब्रज होली शेड्यूल

Braj Holi 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में होली का उत्सव 40 दिनों तक मनाया जाता है। बता दें कि यहां राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना से होली की शुरुआत होती है और समाप्ति वृंदावन के रंगजी मंदिर में होती है। आप यहां देख सकते हैं होली का पूरा शेड्यूल।

Author Edited By : Raghvendra Tiwari Updated: Feb 26, 2024 09:04
Braj Holi 2024
Braj Holi 2024

Braj Holi 2024:  पूरे देश में होली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। अब होली आने में बस कुछ दिन और बाकी है। बता दें कि पूरे विश्व में ब्रज की होली प्रसिद्ध है। यहां देश-विदेश से लोग होली मनाने के लिए आते हैं। बता दें कि ब्रज में होली का कार्यक्रम वसंत पंचमी के दिन से ही शुरू हो चुका है। बता दें कि ब्रज में होली कई तरह से खेली जाती है जिसमें मुख्य रूप से फूल, गुलाल, लड्डू से लेकर लट्ठमार होली प्रसिद्ध है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में होली का उत्सव पूरे 40 दिनों तक चलता है। आज इस खबर में ब्रज में होली कितने दिनों तक मनाई जाती है, क्यों प्रसिद्ध है लट्ठमार होली और 40 दिनों में कौन-कौन से होली खेली जाएगी।

ब्रज में कहां और कब शुरू होती है होली

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में होली 40 दिनों तक मनाया जाता है। होली का पर्व वसंत पंचमी के दिन से शुरू हो जाता है। बता दें कि ब्रज में होली की जन्मस्थली यानी शुरुआत राधा रानी की नगरी बरसाना से होती है। मान्यताओं के अनुसार, यहां हर रोज सुबह भगवान श्री कृष्ण को अबीर गुलाल लगाया जाता है। बता दें कि यहां 40 दिनों का होली का पर्व मनाने की परंपरा द्वापर युग से है।

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ब्रज में क्यों प्रसिद्ध है लट्ठमार होली

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में लट्ठमार होली राधा रानी के जन्मस्थली बरसाना में बड़े ही धूमधाम से खेली जाती है। बता दें कि यह परंपरा काफी अनूठी और पुरानी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण इस दिन होली खेलने के लिए राधा रानी के गांव पहुंच जाया करते थे। राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की हरकतों से परेशान होकर उन्हें सबक सिखाने के लिए अपनी सहेलियों के साथ भगवान श्री कृष्ण पर डंडे की बरसात करती थी। गोपियों के प्रहार से बचने के लिए भगवान श्री कृष्ण और उनके मित्र बचाव में ढाल का इस्तेमाल करते थे। यहीं कारण हैं कि ब्रज यानी बरसाना और नंदगाव के लोग लट्ठमार होली खेलते हैं। बता दें कि लट्ठमार होली के एक दिन पहले फाग निमंत्रण भेजा जाता है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है।

यहां देखें 40 दिनों का होली कार्यक्रम का लिस्ट

बता दें कि ब्रज में होली की शुरुआत मुख्य रूप से फुलेरा दूज से शुरू हो जाती है और समाप्ति वृंदावन के रंगजी मंदिर में होती है। तो यहां देख सकते हैं होली का पूरा लिस्ट-

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12 मार्च को फुलेरा दूज यानी फूलों की होली

17 मार्च को फाग का आमंत्रण और बरसाना में लड्डू होली

18 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली।

19 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली।

20 मार्च को रंगभरी एकादशी (इस दिन  मथुरा, वृंदावन और द्वारिकाधीश में होली खेली जाती है।)

21 मार्च को छड़ीमार होली। (गोकुल में)

24 मार्च को होलिका दहन

25 मार्च को होली, धुलेंडी

27 मार्च को दाऊजी का हुरंगा होली

2 अप्रैल को वृंदावन के रंगजी मंदिर में होली खेली जाएगी।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 26, 2024 09:04 AM