Chhath Puja 2023: लोग आस्था के महापर्व छठ की ख्याति विदेशों में है। इस पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना की जाती है। इसके अलावा छठ पर्व प्रकृति के छठे स्वरूप छठी मैया को भी समर्पित है। छठ पर्व को मुख्य तौर पर बिहार, यूपी, झारखंड समेत नेपाल में भी मनाया जाता है। चार दिवसीय इस पर्व में पूजन सामग्री का विशेष महत्व है। छठी मैया और सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए जिन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी पवित्रता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। इस पर्व का माहात्म्य ऐसा है कि पूजा में प्रयोग की जाने वाली पूजन सामग्री को मुस्लिम लोग भी तैयार करते हैं। आइए जानते हैं बिहार के उस मुस्लिम परिवार के बारे में जो बीते 100 वर्षों से भी अधिक समय से जो छठ पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली अरता का पात तैयार करता आ रहा है।
यहां मुस्लिम परिवार बनाता है छठ सामग्री
छठ पूजा में कई प्रकार की पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें से एक जरूरी पूजन सामग्री अरता का पात है। यह जानकर हैरानी होगी कि इसका निर्माण ज्यादातर मुस्लिम परिवार करते हैं। एक उदाहरण छपरा के झौवां गांव का है। यहां कई मुस्लिम परिवार पिछले 100 वर्षों से भी अधिक समय से छठ पूजा लिए अरता पात बनाने में लगे हुए हैं।
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बता दें कि उत्तर बिहार के छपड़ा के झौवां गांव में अरता पात का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। खास बात ये हि इस स्थान से बिहार समेत देश के कई अन्य जिलों में भी इस विशेष छठ पूजा सामग्री को भेजा जाता है। इस गांव के रहने वाले शमीम अहमद बताते हैं कि उनका परिवार पिछली कई पीढ़ियों से इस काम में लगा हुआ है। उनके घर के बच्चे-महिलाएं और पुरुष सभी मिलकर अरता का पात तैयार करते हैं।
इसे बनाने वालों का जीवन काफी कठिन
झौंवा गांव बिहार के छपरा जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। छठ पर्व के आगमन के साथ ही यहां के व्यापारियों में चहल-पहल बढ़ जाती है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि आरता का पात खरीदने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक गतिविधि भी बढ़ती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।