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Benefits of Pukhraj: पीला पुखराज पहनने से कौन-सा ग्रह देने लगता है शुभ फल?

Benefits of Pukhraj: पीला पुखराज (Yellow Topaz), जिसे 'पीत नीलमणि' भी कहते हैं, एक बेशकीमती रत्न है। सदियों से इस रत्न को इंसान सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि के लिए धारण करता आ रहा है। आइए जानते हैं कि इस नायाब रत्न के क्या-क्या लाभ हैं और इसे धारण करने से कौन-सा कौन-सा ग्रह शुभ फल देने लगता है?

Edited By : Shyam Nandan | May 20, 2024 07:15
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Benefits of Pukhraj: अपने चमकीले पीले रंग से सबको मोहित करने वाले कीमती रत्न पुखराज को ‘पीला नीलम’ भी कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे बहुत प्रभावशाली और शुभ रत्न माना गया है। आइए जानते हैं, पुखराज पहनने के फायदे क्या हैं और इसे धारण करने से कौन-सा ग्रह शुभ फल देने लगता है?

पुखराज पहनने के फायदे

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुखराज पहनने से एकाग्रता, आत्मविश्वास, विचार में स्पष्टता और निर्णय लेने की क्षमता में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। जीवन में शुभता और सौभाग्य लाने वाले इस शक्तिशाली रत्न के अनगिनत फायदे हैं।

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  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुखराज एक ज्ञान रत्न है, जिसे धारण करने से स्मरण शक्ति यानी मेमोरी पॉवर बहुत मजबूत हो जाती है। जाहिर है कि इससे शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में आसानी हो जाती है।
  • जिनके विवाह में बाधाएं आती हैं, जैसे विवाह में अत्यधिक विलंब, तय रिश्ता का बार-बार टूट जाना आदि समस्याओं को दूर करने के लिए पुखराज पहनने से लाभ होता है।
  • इस रत्न को कपल के रिलेशनशिप में मतभेद, मनमुटाव और झगड़े जैसी समस्याओं को दूर कर हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए धारण करने का सुझाव दिया जाता है।
  • पुखराज के बारे में कहा जाता है कि यह पौरुष शक्ति में सुधार लाता है और संतान प्राप्ति में भी सहायक हो सकता है।
  • जिन्हें अक्सर धन संकट बना रहता है और जेब खाली रहती हैं, उन्हें फाइनेंशियल स्थिति में सुधार करने और धन-दौलत पाने के लिए पुखराज धारण करने के लिए कहा जाता है।
  • पुखराज को सौभाग्य रत्न भी कहा जाता है, जो भाग्य को मजबूत करने में सहायक माना गया है।

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इस ग्रह से संबंधित है पुखराज

पीत नीलमणि या पुखराज को अंगेरजी में ‘यलो टोपाज’ (Yellow Topaz) कहते हैं। यह नायाब रत्न गुरु ग्रह बृहस्पति ग्रह से जुड़ा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे उचित विधि से धारण करने पर बृहस्पति ग्रह मजबूत होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। बता दें, वैदिक ज्योतिष में देवताओं के गुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा, विवाह, संतान, धन, समृद्धि, भाग्य और आध्यात्मिकता का कारक बताया गया है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होते हैं, उन्हें विशेष रूप से पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Shyam Nandan

First published on: May 20, 2024 07:15 AM

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