सुबह जल्दी स्नान से निवृत्त होकर सबसे पहले गणपति की पूजा करें। इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। वे जगत गुरु हैं, उन्हीं के आशीर्वाद से प्रत्येक साधना सफल होती है। इसके बाद कामदेव और रति की प्रतिमा अथवा चित्र की पूजा करें। उन्हें पीले पुष्प, गुलाबों की माला, पान, सुपारी, पीला चंदन, धूप, देसी घी का दीपक आदि अर्पित करें। देवी रति को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। इस तरह पूजा पूर्ण करने के बाद कामदेव गायत्री मंत्र का जप करें।
कामदेव के इन मंत्रों का करें जप (Kamdev Puja Mantra)
इस प्रकार कामदेव और रति की पूजा करने के बाद निम्न मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का कम से कम 11 माला (1100 बार) जप करें। मंत्र इस प्रकार हैं
- ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्
- ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा
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इस प्रकार Basant Panchami पर इन मंत्रों का 1100 बार जप करने के बाद आप कामदेव से अनंत युवावस्था तथा चिर यौवन शक्ति देने की प्रार्थना करें। इसके बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन, वस्त्र आदि प्रदान करें। इस तरह यह पूजा पूर्ण होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।