Grahan Yog in Kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों के शुभ संयोग से कई शुभ योग बनते हैं। इनमें से कुछ शुभ योग तो राजयोग जैसा सुख दिलाने वाले होते हैं। ये सब तब होता है जब किसी जातक की कुंडली में ग्रहों की दशा अनुकूल और धनवृद्धि कारक होती हैं। कुंडली में चंद्रमा और राहु के दृष्टि संबंध से ग्रहण योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पाण्डेय बताते हैं कि कुंडली का ग्रहण योग जातक के लिए बेहद खतरनाक होता है। इस खतरनाक योग के कारण संबंधित व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि कुंडली में ग्रहण योग कैसे बनता है? इसके नुकसान क्या-क्या हैं और इस दोष से निवारण के लिए ज्योतिष में कौन से उपाय बताए गए हैं।
कैसे बनता है कुंडली में ग्रहण योग?
ज्योतिष में ग्रहण योग के भी दो प्रकार बताए गए हैं। कुंडली में अगर चंद्रमा और राहु का दृष्टि संबंध है तो ग्रहण योग निश्चित रूप से बनेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित धनंजय पाण्डेय के अनुसार, सूर्य का ग्रहण योग जहां मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और सामाजिक मान्यता पर असर डालता है, वहीं चंद्रमा का ग्रहण योग व्यक्ति पर मानसिक रूप से असर डालता है। हालांकि छोटे-छोटे उपाय करके इस ग्रहण योग को काबू में किया जा सकता है। साथ ही इस योग के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सकता है।
ग्रहण योग के नकारात्मक प्रभाव
- पं. धनंजय पांडेय के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। कुंडली के चंद्रमा को राहु दूषित करता है। मतलब इसके नकारात्मक प्रभाव से मन और सोच दूषित हो जाता है। देखा जाए तो ज्यादातर मामलों में अगर कुंडली में चंद्रमा और राहु है तो ऐसे में जातक को काल्पनिक व मानसिक समस्याएं परेशान करने लगती है।
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- चंद्रमा और राहु के योग से व्यक्ति के मन में कई काल्पनिक ख्याल आने लगते हैं। मसलन कि कहीं मुझे नौकरी से न निकाल दिया जाए, मेरे परिवार को कुछ हो न जाए या फिर मैं वाहन लेकर जाऊं तो कहीं दुर्घटना ना हो जाए? इत्यादि-इत्यादि। इसके अलावा ग्रहण योग से प्रभावित जातकों को बीमारियों का भी भय मन में बना रहता है। ये किसी भी सेहत से जुड़ी छोटी-मोटी समस्या को बहुत गंभीर मानने लगते हैं।
- ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अगर कुंडली में चंद्रमा और राहु का ग्रहण योग है तो जातक को बुरे-बुरे सपने भी आते हैं। जिसकी वजह से उन्हें नींद आने में समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा शादीशुदा लोगों को जीवनसाथी को लेकर मन में वहम पैदा होने लगता है।
ग्रहण योग से मुक्ति के लिए क्या करें उपाय
- अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा और राहु का ग्रहण योग है तो ऐसे में उन्हें एक सफेद चंदन का टुकड़ा लेकर उसे नीले धागे में लपेट लेना चाहिए। इसके बाद इसे बांधकर शनिवार को गले में पहन लेना चाहिए। इससे राहु और चंद्रमा का प्रभाव बहुत हद तक कम हो जाता है।
- कुंडली में अगर राहु, चंद्रमा का योग है तो रोजाना भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए। साथ ही साथ सुबह-शाम शिव के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। ग्रहण दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवार के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करना अच्छा उपाय माना गया है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के तौर पर इसे खुद ग्रहण करें।
- कुंडली में जब ग्रहण दोष हो तो ऐसे में जातक को किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर पन्ना रत्न धारण करना शुभ रहेगा। ध्यान रहे कि इस योग वालों को भूलकर भी मोती धारण नहीं करना चाहिए। वरना इसका जीवन पर उल्टा असर हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।