Panchak November 2022: नवंबर माह के अंत में अग्नि पंचक का योग बन रहा है। यह पंचक पांच दिन चलेगा। शास्त्रों के अनुसार पंचकों में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करने की स्पष्ट मनाही की गई है। जानिए कब है पंचक और क्या सावधानियां रखनी हैं।
क्या होता है अग्नि पंचक (What is Agni Panchak November 2022)
पंचांग के अनुसार मंगलवार को शाम 7.51 बजे पंचक आरंभ होगा। मंगलवार से शुरू होने के कारण इस पंचक को Agni Panchak कहा जाएगा। ज्योतिष में कहा गया है कि जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, तो उसे पंचक कहा जाता है। चन्द्रमा प्रत्येक नक्षत्र में एक दिन रूकता है, इस तरह पंचक कुल पांच दिनों का होता है।
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ऐसे दिया जाता है पंचकों को नाम
पंचक किस वार को शुरू हो रहा है, उसके आधार पर ही पंचक का नाम दिया जाता है। उदाहरण के लिए रविवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक, सोमवार से शुरू होने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार से शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक, शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक तथा शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।
इन सभी पंचकों में मृत्यु पंचक एवं अग्नि पंचक को सर्वाधिक अशुभ माना गया है। यदि पंचक बुधवार एवं बृहस्पतिवार को शुरू होता है तो उसे इतना अधिक अशुभ नहीं माना जाता है। अन्य पंचकों में यदि कोई शुभ कार्य करना हो तो उसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पहले उपाय (Panchak Ke Upay) कर लेने चाहिए।
क्यों माना जाता है पंचक को अशुभ
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार पंचक में किया जाने वाला कोई भी कार्य पांच बार रिपीट होता है। ऐसे में यदि कोई अशुभ कार्य हुआ या असफलता मिली तो वह भी पांच बार मिलेगी। इसीलिए पंचक में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही की गई है।
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पंचक में न करें ये शुभ कार्य
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। ऐसी यात्रा हानिकारक हो सकती है।
- पंचक के दौरान किसी भी तरह का फर्नीचर न बनवाएं, विशेषकर अग्नि पंचक में। ऐसा करना घर में आग लगने का कारण बन सकता है।
- पंचक (Panchak November 2022) के दौरान किसी भी प्रकार का ईंधन, लकड़ी, घास आदि एकत्रित नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना किसी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
- पंचक में यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके शव के साथ आटे और कुश से बनाए गए 5 अतिरिक्त पुतले भी जलाने चाहिए। माना जाता है कि इससे परिवार के शेष सदस्यों पर आने वाला मृत्यु का संकट समाप्त हो जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।