According to Garuda Purana Baby Birth Rules: जीवन में हर व्यक्ति को संतान सुख की कामना होती है। हर कोई चाहता हैं, कि उसकी संतान हष्ट-पुष्ट, स्वस्थ हो, बुद्धिमान हो और कुल का नाम रोशन करने वाली हो। आपकों बता दे कि शास्त्रों में श्रेष्ठ संतान पाने के भी कुछ नियम बताए गए हैं। गरुड़ पुराण में गर्भधारण के शुभ समय का जिक्र किया गया है और कुछ नियमों का पालन करने की बात कही गई है। वैसे तो बच्चों को संस्कार माता- पिता से मिलते है, लेकिन शास्त्रों के नियमों का प्रयोग करके गुणवान, योग्य, यशस्वी संतान पैदा होती है।
श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति के लिए करें यह उपाय
गरुड़ पुराण के अनुसार, श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति करने के लिए महिला को माहवारी के दिनों में संबंध नही बनाने चाहिए। स्त्री और पुरुष दोनों को प्रसन्न और मन शुद्ध होना चाहिए। क्योंकि स्त्री और पुरुष का चित्त जैसा रहेगा वैसा ही चित्त संतान में भी होगा। मान्यता है कि देवताओं द्वारा स्त्री को माहवारी का श्राप दिया गया था, इस वजह से इस दिन शारीरिक संबंध अशुभ माना जाता है। साथ ही माहवारी के 5वें दिन महिला को स्नान करके पूर्णरूप से शुद्ध होकर संबंध बनाना चाहिए। माहवारी के 7 दिन बाद महिला को भगवान और पितरों की पूजा करनी चाहिए। उत्तम चरित्र या चरित्रवान संतान के लिए सातवें दिन के बाद ही गर्भाधारण के लिए कोशिश करे।
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गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के नियम
धार्मिक मान्यता है कि सम दिनों में गर्भाधान से पुत्र और विषम दिनों में गर्भाधान से पुत्री की प्राप्ति होती है, वही गरुड़ पुराण के अनुसार, पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिला के मासिक धर्म समाप्त होने के 8वें, 10वें, 12वें, 14वें और 16वें दिन यानी सम दिनों के मिलन से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक होती है,और पुत्री प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के विषम दिन जैसे 9, 11, 13, 15 और 17वां दिन बताए गया है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।