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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: 9 जून को अमृत और राहु काल कब से कब तक है? जानें आज के पंचांग के सभी शुभ-अशुभ योग

Aaj Ka Panchang: आज 9 जून, 2025 को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ है। आइए जानते हैं, 9 जून का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 8, 2025 22:50
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Aaj Ka Panchang 9 June 2025: आज 9 जून , 2025 को ज्येष्ठ माह का अट्ठाईसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि एक साथ है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 55 मिनट 35 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 4 मिनट 23 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 9 जून  के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि

आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष दिन की शुरुआत की त्रयोदशी तिथि से होगी, जो 8 जून  की 09:35 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी।

त्रयोदशी तिथि एक जया तिथि है, जिसके स्वामी भगवान कामदेव हैं और इस तिथि का स्वभाव विजयप्रद है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।

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नक्षत्र

आज दिन की शुरुआत विशाखा नक्षत्र से होगी, जो 03:31 PM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र आरंभ होगी, जो 9 जून की 06:02 PM तक कायम रहेगी।

दिन/वार

आज दिन सोमवार है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित दिन माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

योग

आज दिन की शुरुआत शिव योग से होगी, जो 9 जून की 01:09 PM तक व्याप्त रहेगा, यह शुभ योग है। इसके बाद सिद्ध योग की शुरुआत होगी।

इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।

करण

आज 09:35 AM तक तैतिल करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद गर करण की शुरुआत होगी, जो 9 जून की 10:38 PM तक व्याप्त रहेगा। इसके बाद वणिज करण शुरू होगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा तुला राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं। वे इस राशि में 08:50 AM तक ही रहेंगे और फिर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:42 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM

अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:48 PM

विजय मुहूर्त: 02:40 PM से 03:35 PM

गोधूलि मुहूर्त: 07:17 PM से 07:37 PM

सायाह्न सन्ध्या: 07:18 PM से 08:19 PM

अमृत काल: 05:41 AM से 07:28 AM

निशिता मुहूर्त: 12:00 AM, जून 10 से 12:41 AM, जून 10

सर्वार्थ सिद्धि योग: 03:31 PM से 05:23 AM, जून 10

रवि योग: 03:31 PM से 05:23 AM, जून 10

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 07:07 AM से 08:52 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है। 

यमगण्ड: 10:36 AM से 12:20 PM

गुलिक काल: 02:05 PM से 03:49 PM

विष घटी/वर्ज्य  काल: 07:56 PM से 09:42 PM

दुर्मुहूर्त काल: 12:48 PM से 01:44 PM और 03:35 PM से 04:31 PM

9 जून 2025 के पर्व और त्योहार

आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और दिन सोमवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 08, 2025 10:50 PM

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