Aaj Ka Panchang 25 february 2025: आज 25 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का बारहवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 28 मिनट 05 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 30 मिनट 54 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 25 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि 12:47 PM तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरु हो जाएगी। हालांकि द्वादशी तिथि एक भद्रा तिथि है, लेकिन इसके स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस दिन का स्वभाव यशप्रद होता है। इसलिए द्वादशी एक शुभ तिथि होती है।
नक्षत्र: आज 06:31 PM तक उत्तराषाढा नक्षत्र व्याप्त रहेगी। इसके बाद श्रवण नक्षत्र शुरू होगी। उत्तराषाढा और श्रवण दोनों ही नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। भक्तजन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही, मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव का दिन भी माना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं, जैसे व्रत रखना, दान करना और मंत्र जाप करना।
योग: आज शाम के 08:15 AM तक व्यतिपात योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद वरीयान योग का असर 26 फरवरी की 05:51 AM तककायम रहेगा। व्यतिपात एक अशुभ योग है, जबकि वरीयान एक योग शुभ माना गया है।
त्रिपुष्कर योग: इसके साथ ही आज शुभ फलदायी त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जिसका समय अवधि आप नीचे शुभ योग कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज के दिन 12:47 PM तक तैतिल करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद गर करण की शुरुआत होगी, जो 26 फरवरी को 12:02 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद वणिज करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शनि ग्रह हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:10 AM से 06:00 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:35 AM से 06:50 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:11 PM से 12:57 PM
विजय मुहूर्त: 02:29 PM से 03:15 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:16 PM से 06:41 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:18 PM से 07:33 PM
अमृत काल: 12:14 PM से 01:48 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 26 से 12:59 AM, फरवरी 26
त्रिपुष्कर योग: 06:50 AM से 12:47 PM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 03:26 PM से 04:52 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 09:42 AM से 11:08 AM
गुलिक काल: 12:34 PM से 02:00 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 10:19 PM से 11:51 PM
दुर्मुहूर्त काल: 09:08 AM से 09:54 AM
25 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
मंगलवर व्रत: आज फाल्गुन माह की द्वादशी तिथि है और दिन मंगलवार है। मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। मंगलवार को संकटमोचन हनुमान जी की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। मंगल शांति के लिए हनुमान जी की उपासना के साथ-साथ मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है
प्रदोष व्रत: आज प्रदोष व्रत है, जिसे हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए अति शुभ माना जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है और संध्या के समय (प्रदोष काल) में शिवजी की आराधना विशेष फलदायी होती है। सौभाग्य और समृद्धि: इस व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि बढ़ती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जो दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं। पंचांग के पाँच प्रमुख अंग- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा आदि। इन कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।