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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: आज विकट संकष्टी चतुर्थी पर जानिए 16 अप्रैल के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 16 अप्रैल, 2025 को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। आइए जानते हैं, 16 अप्रैल का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Apr 15, 2025 22:08
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Aaj Ka Panchang 16 March 2025: आज 16 अप्रैल, 2025 को वैशाख माह का दूसरा दिन है और आज इस माह की तृतीया तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 16 घंटे 52 मिनट 54 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 06 मिनट 03 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 16 अप्रैल के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है, जो 01:16 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। तृतीया तिथि एक भद्रा तिथि है, जिसकी स्वामिनी गौरी हैं और इस दिन का स्वभाव शक्तिप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।

नक्षत्र: आज पूरे दिन और पूरी रात अनुराधा नक्षत्र व्याप्त रहेगी, यह एक शुभ नक्षत्र है। अगले दिन 05:55 AM के बाद ज्येष्ठा नक्षत्र शुरू होगी, जो एक शुभ नक्षत्र है।

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दिन/वार: बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इसके साथ ही, बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध का दिन भी माना जाता है। इस दिन बुध ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं।

योग: आज दिन भर व्यतिपात योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है और यह 17 अप्रैल की 12:19 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वरियान योग की शुरुआत होगी, यह एक शुभ योग है।

इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?

करण: आज 01:16 PM तक विष्टि करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बव करण की शुरुआत होगी, जो 17 अप्रैल की 02:22 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:26 AM से 05:10 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:48 AM से 05:55 AM

अभिजित मुहूर्त: आज कोई मुहूर्त नहीं है।

विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:21 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:46 PM से 07:09 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:48 PM से 07:54 PM

अमृत काल: 06:20 PM से 08:06 PM

निशिता मुहूर्त: 11:58 PM से 12:43 AM, अप्रैल 17

सर्वार्थ सिद्धि योग: आज यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।

अमृत सिद्धि योग: आज यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 09:08 AM से 10:45 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

राहुकाल: 12:21 PM से 01:58 PM

यमगण्ड: 07:31 AM से 09:08 AM

गुलिक काल: 10:44 AM से 12:21 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 07:38 AM से 09:25 AM

दुर्मुहूर्त काल: 11:55 AM से 12:47 PM

भद्रा काल: 05:55 AM से 01:16 PM

15 अप्रैल 2025 के पर्व और त्योहार

आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है और दिन बुधवार है। बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। बुधवार को विघ्नहर्ता गणेश की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से कामकाज की बाधाएं, जीवन के विघ्न, भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

विकट संकष्टी चतुर्थी: विकट संकष्टी चतुर्थी, जो कि वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है, भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस दिन व्रत रखकर और भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है, साथ ही सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Apr 15, 2025 10:08 PM

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