Aaj Ka Panchang 10 march 2025: आज 10 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 26वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 50 मिनट 05 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 08 मिनट 47 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 10 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो 07:44 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरु हो जाएगी। एकादशी तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी विश्वदेव भगवान विष्णु हैं और इस दिन का स्वभाव आनदप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज दिन भर पुष्य नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 11 मार्च की 12:51 AM तक कायम रहेगी। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र शुरू होगी। जहां पुष्य नक्षत्र एक शुभ नक्षत्र है, वहीं अश्लेषा नक्षत्र एक अशुभ नक्षत्र है।
दिन/वार: सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित दिन माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
योग: आज 01:57 PM तक शोभन योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद अतिगंड योग की शुरुआत होगी, जो एक शुभ योग नहीं है।
इनके साथ ही आज रवि पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन बेहद खास हो गया है। इस योग की समय अवधि आप नीचे शुभ योग के कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 07:44 AM तक विष्टि करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बव करण की शुरुआत होगी, जो 07:55 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद बालव करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जो उनकी स्वराशि है।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:59 AM से 05:48 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:23 AM से 06:36 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:08 PM से 12:55 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:17 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:24 PM से 06:49 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:27 PM से 07:39 PM
अमृत काल: 06:12 PM से 07:52 PM
निशिता मुहूर्त: 12:07 AM, मार्च 11 से 12:55 AM, मार्च 11
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:36 AM से 12:51 AM, मार्च 11
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 08:05 AM से 09:34 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 11:03 AM से 12:31 PM
गुलिक काल: 02:00 PM से 03:29 PM
दुर्मुहूर्त काल: 12:55 PM से 01:42 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 08:14 AM से 09:53 AM और 03:17 PM से 04:05 PM
गण्ड मूल: 12:51 AM, मार्च 11 से 06:35 AM, मार्च 11
भद्रा काल: 06:36 AM से 07:44 AM
10 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है और दिन सोमवार है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
आमलकी एकादशी: फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को करने से भक्त और साधक को सुख, समृद्धि, यश और सम्मान की प्राप्ति होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार– यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि– इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र– यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग– इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण- आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।