Aaj Ka Panchang 11 February 2025: आज 11 फरवरी, 2025 को माघ माह का 29वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 05 मिनट 42 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 53 मिनट 31 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 11 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज 11 फरवरी, 2025 को 06:55 PM तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरु हो जाएगी। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं, लेकिन यह एक रिक्ता तिथि होने के कारण शुभ नहीं मानी गई है। साथ ही, इस तिथि का स्वभाव भी आक्रामक माना गया है।
नक्षत्र: आज 11 फरवरी को शाम के 06:34 PM तक पुष्य नक्षत्र का योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र शुरू होगा। पुष्य और अश्लेषा दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित है। इसके साथ ही, मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति मंगल देव को भी समर्पित है और इस दिन मंगल शांति के उपाय किए जाते हैं।
योग: आज शाम के 09:06 AM तक आयुष्मान योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग आरंभ हो जाएगा। आयुष्मान और सौभाग्य दोनों योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं।
करण: आज दिन एक 06:55 PM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो पूरी रात व्याप्त रहेगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जो उनकी स्वराशि है।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:19 AM से 06:11 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:45 AM से 07:03 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM
विजय मुहूर्त: 02:26 PM से 03:11 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:06 PM से 06:32 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:08 PM से 07:26 PM
अमृत काल: 12:01 PM से 01:39 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 12 से 01:01 AM, फरवरी 12
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:34 PM से 07:02 AM, फरवरी 12
रवि योग: 07:03 AM से 06:34 PM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 03:22 PM से 04:45 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 09:49 AM से 11:12 AM
गुलिक काल: 12:36 PM से 01:59 PM
दुर्मुहूर्त काल: 09:16 AM से 10:00 AM
गण्ड मूल: 06:34 PM से 07:02 AM, फरवरी 12: और 11:18 PM से 12:09 AM, फरवरी 12
भद्रा काल: 06:55 PM से 07:02 AM, फरवरी 12
11 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
आज माघ माह की चतुर्दशी तिथि है। आज भगवान मुरूगन यानी कार्तिकेय को समर्पित थाई पूसम नामक एक त्योहार है जो दक्षिण भारत, विशेष तौर पर तमिल बहुल क्षेत्रों में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि को देवी पार्वती ने भगवान कार्तिकेय को दिव्यास्त्र वेल यानी भाला दिया था। इस दिव्यास्त्र वेल से ही भगवान मुरुगन ने सुरपद्म नामक दुष्ट राक्षस का संहार किया था।
मंगलवार का व्रत: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। भक्तजन इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में साहस व आत्मबल की वृद्धि होती है।
इसके साथ ही, मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति मंगल देव को भी समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह ऊर्जा, पराक्रम, भूमि, साहस और युद्धकला का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, वे इस दिन विशेष रूप से मंगल देव की पूजा और व्रत रखते हैं। मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, स्थिरता और समृद्धि आती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की दिशा में संचालित करने वाला एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। इसे महज धार्मिक परंपरा मानना इसकी वास्तविक शक्ति को कम आंकने जैसा होगा। पंचांग हमें ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुरूप चलना सिखाता है, जिससे जीवन की बाधाएं कम होती हैं और उन्नति के नए मार्ग खुलते हैं।
हिंदू पंचांग के 5 प्रमुख अंग—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—किसी भी कार्य के शुभ या अशुभ समय को निर्धारित करने में सहायक होते हैं। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, व्यवसाय प्रारंभ या अन्य महत्वपूर्ण कार्य यदि पंचांग के अनुसार किए जाएं, तो उनकी सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
इस प्रकार, पंचांग न केवल निर्णय लेने की क्षमता को सशक्त बनाता है, बल्कि सही समय पर सही कदम उठाने का मार्ग भी दिखाता है। इसे अपनाकर हम अपने जीवन को अधिक सुव्यवस्थित बना सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा व सफलता को सहज रूप से प्राप्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।