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Aaj Ka Panchang: आज माघ शुक्ल त्रयोदशी पर जानें 10 फरवरी के पंचांग के नक्षत्र, शुभ योग, राहु काल

Aaj Ka Panchang 10 February 2025: आज 10 फरवरी, 2025 को माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दिन सोमवार है। आइए जानते हैं, 10 फरवरी का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Feb 10, 2025 05:49
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Aaj Ka Panchang 10 February 2025: आज 10 फरवरी, 2025 को माघ माह का 28वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 04 मिनट 11 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 55 मिनट 03 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 10 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज 10 फरवरी, 2025 को 06:57 PM तक त्रयोदशी तिथि है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरु हो जाएगी। त्रयोदशी एक जया तिथि है, जिसके स्वामी कामदेव हैं। इस तिथि को विजयप्रद माना गया है, इसलिए इस तिथि को अधिकांश कार्यों के लिए शुभ माना गया है और यह शुभ मुहूर्तों में सम्मिलित है। साथ ही इस तिथि का संयोग आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग के साथ हो रहा है। इससे यह तिथि बेहद खास बन गई है।

नक्षत्र: आज 10 फरवरी को शाम के 06:01 PM तक तक पुनर्वसु नक्षत्र का योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू होगा। पुनर्वसु और पुष्य दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

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दिन/वार: आज सोमवार का दिन है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिन्दू धर्म में सोमवार को भगवान शिव की पूजा, व्रत और अभिषेक का अत्यंत महत्व है। इसके साथ ही, सोमवार नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित होता है।

योग: आज शाम के 10:27 AM बजे तक प्रीति योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग आरंभ हो जाएगा। प्रीति और आयुष्मान दोनों योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं।

करण: आज दिन एक 07:08 AM बजे तक कौलव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी, जो 06:57 PM बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद गर करण आरंभ हो जाएगा और यह 11 फरवरी को 06:52 AM तक व्याप्त रहेगा। इसके बाद वणिज करण शुरू हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा मिथुन राशि में 11:56 AM तक ही गोचर करेंगे। इसके बाद वे कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जो उनकी स्वराशि है।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:20 AM से 06:12 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:46 AM से 07:03 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM

विजय मुहूर्त: 02:26 PM से 03:10 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:05 PM से 06:31 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:08 PM से 07:25 PM

अमृत काल: 03:36 PM से 05:12 PM

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 11 से 01:01 AM, फरवरी 11

सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:01 PM से 07:03 AM, फरवरी 11

रवि योग: 06:01 PM से 07:03 AM, फरवरी 11

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल दोपहर बाद 08:26 AM से 09:49 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 11:12 AM से 12:36 PM

गुलिक काल: 01:59 PM से 03:22 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 02:12 AM, फरवरी 11 से 03:50 AM, फरवरी 11

दुर्मुहूर्त काल: 12:58 PM से 01:42 PM

10 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज माघ माह की त्रयोदशी तिथि है, आज प्रदोष व्रत का उपवास है और शाम में इसकी पूजा की जाएगी। प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है।

सोमवार का व्रत: सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, जल व बेलपत्र अर्पित करते हैं और शिव मंत्रों का जाप कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही, यह दिन नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित है। चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक होता है, इसलिए उनकी पूजा से मानसिक शांति और सौभाग्य प्राप्त होता है। जिनकी कुंडली में चंद्रदोष हो, उन्हें इस दिन विशेष रूप से चंद्रदेव की उपासना करनी चाहिए।

आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि सफलता और समृद्धि का मार्गदर्शक है। इसे महज धार्मिक परंपरा समझना इसकी वास्तविक शक्ति को कम आंकना होगा। पंचांग हमें ब्रह्मांड की लय के अनुसार चलना सिखाता है, जिससे बाधाएं कम होती हैं और उन्नति का मार्ग खुलता है।

हिंदू पंचांग के पांच अंग—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—किसी भी कार्य के शुभ या अशुभ समय को निर्धारित करते हैं। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन या व्यापार प्रारंभ जैसे महत्वपूर्ण कार्य यदि पंचांग के अनुसार किए जाएं, तो उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

इस प्रकार, पंचांग न केवल निर्णय क्षमता को मजबूत करता है बल्कि सही समय पर सही कदम उठाने में भी सहायक होता है। इसे अपनाकर हम जीवन को अधिक सुव्यवस्थित बना सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा व सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Feb 09, 2025 11:48 PM

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