---विज्ञापन---

कौन हैं यमन के नए PM अहमद अवद बिन मुबारक, सत्ता परिवर्तन से क्या पड़ेगा भारत से रिश्तों पर असर

Yemen new PM Ahmed Awad Bin Mubarak: अहमद अवद बिन मुबारक के यमन में नए पीएम बनने से भारत के साथ यमन के रिश्तों में सुधार आएगा। बिन मुबारक साउदी अरब के करीबी हैं।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 6, 2024 09:09
Share :
Ahmed Awad Bin Mubarak
अहमद अवद बिन मुबारक

Yemen new PM Ahmed Awad Bin Mubarak: यमन में एक दशक से चल रहे गृह युद्ध के बीच यहां सत्ता परिवर्तन हुआ है। देश की राष्ट्रपति परिषद ने विदेश मंत्री अहमद अवद बिन मुबारक को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। जबकि पीएम माईन अब्दुल मलिक सईद को बर्खास्त कर दिया गया है। राष्ट्रपति परिषद द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब वह राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के अध्यक्ष के सलाहकार के रूप में देश की सेवा करेंगे।

---विज्ञापन---

अहमद अवद बिन मुबारक को माना जाता है साउदी अरब का करीबी 

फिलहाल राष्ट्रपति परिषद ने इस पूरे उलटफेर के कारणों के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की है। वहीं, यमन में नए प्रधानमंत्री बनते ही यहां सत्ता समीकरण और गृह युद्ध के नए मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, अब तक विदेश मंत्री रहे अहमद अवद बिन मुबारक को साउदी अरब का करीबी माना जाता है। यहां बता दें कि हाल ही में यमन में चल रहे टकराव में शामिल हूती और सऊदी अरब के बीच बातचीत हुई है। जिससे शांति के कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं। अब यह सत्ता परिवर्तन, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति परिषद का यह कदम युद्ध खत्म करने की और एक ठोस दांव साबित हो सकता है।

ये भी पढ़ें: पैसों के ल‍िए इतना ग‍िर गया पाक‍िस्‍तान! बेजुबानों का कत्‍ल करवा कमा रहा Dollars

भारत से सुधरेंगे रिश्ते, 1962 से है दोस्ती

अहमद अवद बिन मुबारक के यमन में नए पीएम बनने से भारत के साथ यमन के रिश्तों में सुधार आएगा। बिन मुबारक साउदी अरब के करीबी हैं और भारत के साउदी अरब और यमन दोनों से रिश्ते पहले से मजबूत रहे हैं। दरअसल, यमन और इंडिया दोनों देश के जनप्रतिनिधि प्रोग्रेसिव सोच रखते हैं। विदेश मंत्री रहते हुए कई बार ऐसा मौका आया है जब अहमद अवद बिन मुबारक ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन किया है। वहीं, यहां इतिहास से यह जानना भी जरूरी है कि भारत ने यमन को ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में मदद की थी। इतना ही नहीं साल 1962 में यमन में जब यमन अरब रिपब्लिक पार्टी बनी और फिर साल 1967 में यहां यमन लोकतांत्रिक गणराज्य का गठन हुआ तो इंडिया ही इन्हें मान्यता देने वाला पहले देशों में से एक था।

10 साल से यमन में गृह युद्ध

जानकारी के अनुसार यमन में साल 2014 से गृह युद्ध चल रहा है। वर्तमान में अमेरिका के नेतृत्व में यहां मिलिट्री एलाइंस हूती विद्रोहियों को निशाना बना रहा है। बता दें कि हूतियों को ईरान का समर्थन है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक यमन में गृह युद्ध के चलते कुल करीब 1.50 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जाता है कि मरने वाले इन लोगों में लड़ाके और आम लोग दोनों शामिल हैं। इन दिनों यमन की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। सरकार साउदी अरब, भारत समेत अन्य देशों की मदद से इसे किसी तरह सुधारने में जुटी है।

ये भी पढ़ें: पाक‍िस्‍तान ने चुनाव के ल‍िए काट डाले 54000 ‘पेड़’, डेढ़ गुना ज्यादा बढ़े प्रत्याशी

HISTORY

Written By

Amit Kasana

First published on: Feb 06, 2024 08:24 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें