Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea-PNG) में आमतौर पर सूर्यास्त के बाद देश का दौरा करने वाले किसी भी नेता का राजकीय सम्मान नहीं होता है। लेकिन पीएम मोदी के लिए सारे प्रोटोकॉल, परंपराएं टूट गईं। नरेंद्र मोदी द्वीप राष्ट्र पापुआ न्यू गिनी का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री हैं।
पीएम मोदी भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (FPIC) में हिस्सा लेने के लिए रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनके समकक्ष जेम्स मारपे ने उनका ग्रैंड वेलकम किया। उन्होंने पीएम मोदी के पैर भी छुए। राजधानी पोर्ट मोरेस्बी एयरपोर्ट पर हुई इस अप्रत्याशित घटना के बाद पीएम मोदी ने जेम्स की पीठ थपथपाते हुए उन्हें गले लगा लिया। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर पापुआ न्यू गिनी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। प्रधानमंत्री जेम्स मारपे की तस्वीर भी वायरल होने लगी।
आइए जानते हैं जेम्स मारपे के बारें में 5 बड़ी बातें...
कौन हैं जेम्स मारपे?
52 वर्षीय जेम्स 2019 से पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री हैं। वह देश की पांगु राजनीतिक दल के नेता हैं। 2007 से वे लगातार सांसद रहे। पीएम बनने से पहले सात साल तक देश के वित्त मंत्री रहे। मारपे देश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय हुली से आते हैं।
राजनीति में उतरने से पहले वे सरकारी अधिकारी थे। उनके पिता चर्च में पादरी थे। उनका विवाह राचेल मारपे से हुआ है, जो मूल रूप से पूर्वी सेपिक प्रांत से हैं। इनके छह बच्चे हैं। पीएम पद की शपथ लेने पर मारपे ने कहा था कि वे पापुआ न्यू गिनी को दुनिया का सबसे अमीर अश्वेत राष्ट्र बनाना चाहते हैं।
5 साल कार्मिक प्रबंधन विभाग में किया काम
मारपे ने 1993 में पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने पर्यावरण विज्ञान में पीजी ऑनर्स और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री भी हासिल की है। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने हाइलैंड्स में मिंज प्राइमरी स्कूल से की थी। वे पीएनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च टारी ब्रांच में प्रभारी अधिकारी रहे। 2001 से 2006 तक वे कार्मिक प्रबंधन विभाग के नीति सहायक सचिव भी रहे।
देश के 8वें पीएम हैं जेम्स
जेम्स मारपे पापुआ न्यू गिनी के 8वें प्रधान मंत्री हैं। उन्होंने शिक्षा और वित्त सहित पापुआ न्यू गिनी में कई महत्वपूर्ण कैबिनेट पदों पर कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने निर्माण और परिवहन के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया। अंतर-सरकारी संबंधों पर संसदीय रेफरल समिति में भी रहे।
एंटी करप्शन बॉडी ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
जेम्स मारपे ने 2002 में पहला संसदीय चुनाव लड़ा था। लेकिन हिंसा के चलते उनके इलाके में चुनाव रद्द हो गया। उपचुनाव हुआ, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। 2007 में वे पहली बार नेशनल अलायंस पार्टी से सांसद बने थे। 2012 के चुनाव के बाद पीटर ओ नील की सरकार में वे वित्त मंत्री बने। लेकिन उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। एंटी करप्शन बॉडी ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद अप्रैल 201 में मारपे को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। फिर मारपे ने पीपल्स नेशनल पार्टी छोड़ दी और पांगु पार्टी में शामिल हो गए।