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कौन हैं एस्ट्रोनॉट अनिल मेनन? जो नासा के पहले स्पेस स्टेशन मिशन पर जाएंगे, भारत से खास कनेक्शन

Astronaut Anil Menon Profile: अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन नासा के पहले स्पेस स्टेशन मिशन के लिए चुने गए हैं। अनिल भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री हैं। जून 2026 तक वे नासा में रहकर ट्रेनिंग लेंगे और 2 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ 8 महीने के लिए अंतरिक्ष में जाएंगे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 2, 2025 07:52
Astronaut Anil Menon | NASA Space Mission | Space Station Mission
अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन नासा के साथ 3 मिशन की ट्रेनिंग के लिए जुड़े हैं।

Who is Astronaut Anil Menon: अमेरिका की स्पेस एजेंसी जून 2026 में पहला स्पेस स्टेशन मिशन लॉन्च करने जा रहा है, जिसके लिए एस्ट्रोनॉट अनिल मेनन का सेलेक्शन हुआ है। वे रोस्कोस्मोस सोयुज MS-29 स्पेसक्राफ्ट में मिशन पर जाएंगे। अनिल मेनन के साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री प्योत्र डबरोव और अन्ना किकिना भी मिशन पर जाएंगे। मिशन कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च होगा और करीब 8 महीने पृथ्वी की कक्षा में पहले से स्थापित लैंब में बिताएंगे। अनिल मेनन मिशन के फ्लाइट इंजीनियर होंगे।

 

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कौन हैं अनिल मेनन?

NASA की ऑफिशियल वेसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, अनिल मेनन भारतीय मूल के अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। वे इमरजेंसी मेडिकल एक्सपर्ट और अमेरिकन एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। 15 अक्टूबर 1976 को अनिल का जन्म मिनेसोटा के मिनियापोलिस में हुआ। उनके माता-पिता का कनेक्शन भारत और यूक्रेन से है। अनिल मेनन का परिवार केरल के मालाबार क्षेत्र का निवासी रहा है। उनक विवाह अन्ना मेनन से हुआ है, जो स्पेसएक्स में चीफ स्पेस एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं और उनके 2 बच्चे भी हैं।

अनिल मेनन का दिल्ली से खास कनेक्शन

अनिल मेनन अमेरिका में ही पैदा हुए और वहीं पले बढ़े, लेकिन उनका कनेक्शन दिल्ली से भी रहा है। अनिल मेनन ने नई दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक साल का कोर्स किया। इसमें उन्होंने रोटरी एम्बेसडरियल फेलो के रूप में मेडिसिन और मलयालम पर स्टडी की। अनिल मेनन ने साल 1999 में अनिल ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन की। साल 2003 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की। साल 2006 में स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से मेडिसिन में डॉक्टरेट की डिग्री ली। टेक्सास मेडिकल ब्रांच यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस मेडिसिन में मेडिकल किट पर उनकी थीसिस पब्लिश हुई थी।

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नासा से पहले स्पेसएक्स और एयरफोर्स में रहे

अनिल मेनन नासा से साल 2014 में बतौर फ्लाइट सर्जन जुड़े। उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए बतौर क्रू फ्लाइट सर्जन सेवाएं दी। साल 2018 में स्पेसएक्स से जुड़े और कंपनी के पहले फ्लाइट सर्जन बने। उन्होंने स्पेसएक्स के पहले मानव अतंरिक्ष मिशन डेमो-2, पहले नागरिक मिशन इंस्पिरेशन-4 की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनिल ने अमेरिकी वायु सेना का हिस्सा रहते हुए 45वें स्पेस विंग और 173वें फाइटर विंग में बतौर फ्लाइट सर्जन काम किया। वे F-15 फाइटर जेट में 100 से अधिक उड़ानें भर चुके हैं। उन्होंने बतौर पायलट फ्लाइंग का 1000 घंटे का अनुभव हासिल किया हुआ है।

साल 2021 में नासा ने चुना बतौर अंतरिक्ष यात्री

बता दें कि दिसंबर 2021 में अनिल मेनन को नासा ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में सेलेक्ट किया। नासा को साल 2021 में 12000 से आवेदन मिले थे। इनमें से 10 लोगों को नासा ने बतौर अंतरिक्ष यात्री चुना। सेलेक्शन के बाद अनिल ने जनवरी 2022 से 5 मार्च 2024 तक 2 साल की हार्ड ट्रेनिंग पूरी की। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के सिस्टम को डील करना, अंतरिक्ष यान उड़ाना, T-38 जेट उड़ाना, अंतरिक्ष में चहलकदमी करना (EVA) और रूसी भाषा सीखना ट्रेनिंग का हिस्सा थे। अब अनिल मेनन को ISS पर रिसर्च मिशन, नासा के ओरियन अंतरिक्ष यान, स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के जरिए चंद्रमा या मंगल जैसे अंतरिक्ष मिशनों के लिए चुना जा सकता है।

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First published on: Jul 02, 2025 07:23 AM

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