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कौन है एक करोड़ का इनामी अहमद अल-शरा? जिससे मिले ट्रंप, अमेरिका ने रखा था इनाम

who is Ahmed Al Shara अमेरिका द्वारा सीरिया पर लगाए गए प्रतिबन्ध अमेरिका ने हटा लिए हैं। सऊदी प्रिंस सलमान की मध्यस्थता की वजह से आज सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल सारा की मुलाक़ात राष्ट्रपति ट्रम्प से रियाध में हुई। अहमद अल सारा वही शख्स है अमेरिका ने 8 साल पहले जिसे वैश्विक आतंकी मानते हुए 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

Author Edited By : Vijay Updated: May 14, 2025 16:26
Donald Trump and ahmad Ahmed Al Shara
सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल सारा की मुलाक़ात राष्ट्रपति ट्रम्प से रियाध में हुई

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीरिया के साथ रिश्ते जटिल और परिवर्तनशील रहे हैं। पहले कार्यकाल में ट्रंप का सैन्य हस्तक्षेप और वापसी पर ध्यान था, जबकि वर्तमान में वे कूटनीति और आर्थिक संबंधों पर जोर दे रहे हैं। इसी रणनीति के तहत ट्रम्प ने प्रतिबन्ध हटाने की घोषणा करते हुए कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति के पास अपने लोगों के लिए कुछ अच्छा करने का मौका है। इसी नीतिगत बदलाव के तहत ट्रंप ने सीरिया के नए नेता अहमद अल-शरा से मुलाकात की।

सऊदी प्रिंस सलमान की मध्यस्थता की वजह से इन तीनों की मुलाक़ात में फ़ोन पर Turkey के राष्ट्रपति Erdogan भी जुड़े और राष्ट्रपति ट्रम्प जो सीरिया से प्रतिबन्ध हटाने के लिए धन्यवाद दिया। सबने मिलकर गुरुवार को Istanbul में होने वाली रूस-युक्रेन शांति वार्ता पर भी चर्चा की। गौरतलब है कि पहले अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाने जाते हयात तहरीर अल-शाम के प्रमुख अहमद अल-शरा वहीं शख्स है, जिसे कभी अमेरिका ने वैश्विक आतंकी मानते हुए एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा था।

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कौन हैं अहमद अल-शरा

1982 में दमिश्क के माजेह जिले में जन्मे इराक में अल-कायदा से जुड़े रहे। खुद की छवि बदलकर अल-शरा ने खुद में काफी बदलाव किया और सैन्य वर्दी पहनकर सीरिया के लिए काफी काम किया। हाल के घटनाक्रमों के अनुसार, वे अब सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में उभरे हैं। कुछ लोग इन्हें एक नेता के रूप में देखते हैं तो कुछ लोग विवादित नेता के रूप में। अमेरिका की उनसे मुलाकात को उनकी स्थिति में बड़े बदलाव को दर्शाता है। अल-शरा ने 2003 में अल-कायदा के साथ काम शुरू किया और सीरिया में विद्रोह का नेतृत्व किया। वे पहले अल-नुसरा फ्रंट के नेता थे, जो बाद में HTS बना। 2017 में अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी मानते हुए उन पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद, अल-शरा सीरिया के प्रभावशाली नेता बन गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में उनसे मुलाकात की।

सीरिया के साथ अमेरिका के कैसे संबंध?

डोनाल्ड ट्रंप के सीरिया के साथ संबंध उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति और क्षेत्र में न्यूनतम सैन्य हस्तक्षेप की सोच से प्रभावित रहे हैं। पहले कार्यकाल में ट्रंप के आदेश पर अमेरिका ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग के जवाब में एक सैन्य हवाई हमले का आदेश दिया, जिसमें 59 क्रूज मिसाइलों से सीरियाई हवाई अड्डे पर हमला किया गया। यह बशर अल-असद सरकार के खिलाफ सीधा हमला था। 2018 और 2019 में, उन्होंने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की। ट्रंप प्रशासन ने बशर अल-असद सरकार पर कड़े प्रतिबंध लगाए।

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नए कार्यकाल में प्रतिबंध हटाए, संबंध समान्य

अब हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की और नए नेतृत्व के साथ संबंध सामान्य करने की बात कही। इससे पहले जब दिसंबर 2024 में, जब हयात तहरीर अल-शाम ने असद सरकार को उखाड़ फेंका, ट्रंप ने स्पष्ट किया कि सीरिया का संघर्ष “हमारा युद्ध नहीं है” और अमेरिका को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। हालांकि, सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक अभी भी मौजूद हैं।

क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ रणनीति

ट्रंप ने सऊदी अरब और तुर्की के साथ मिलकर सीरिया में स्थिरता और पुनर्निर्माण के लिए कदम उठाने की बात कही है। उनकी यह नीति मध्य पूर्व में आर्थिक और व्यापारिक अवसरों पर केंद्रित है, जैसा कि उनकी सऊदी यात्रा के दौरान 600 अरब डॉलर के निवेश सौदे से स्पष्ट है। ट्रंप ने सऊदी अरब को अब्राहम समझौते में शामिल करने की इच्छा भी जताई, हालांकि सीरिया के संदर्भ में यह गौण मुद्दा रहा।

अल-शरा के नेतृत्व को समर्थन से बढ़ेगा तनाव

ट्रंप की सीरिया नीति आर्थिक और कूटनीतिक जुड़ाव पर केंद्रित है, जिसमें प्रतिबंध हटाना और अल-शरा के नेतृत्व को समर्थन देना शामिल है। यह कदम सीरिया को पुनर्निर्माण और स्थिरता की दिशा में ले जाने की उम्मीद से उठाया गया है, लेकिन यह तुर्की, इज़राइल, और कुर्द बलों के बीच तनाव को बढ़ा सकता है। ट्रंप की यह नीति उनकी व्यापक मध्य पूर्व रणनीति का हिस्सा है, जो सऊदी अरब जैसे सहयोगियों के साथ आर्थिक सौदों और ईरान के खिलाफ रुख पर आधारित है।

First published on: May 14, 2025 04:26 PM

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