What does tsunami mean: रूस का कामचटका आज भूकंप के झटकों से थर्रा गया। यहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई। ये पहली बार नहीं है जब सुनामी आई हो, मानव इतिहास में इससे पहले भी कई विनाशकारी सुनामियां आ चुकी हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि ‘सुनामी’ का अर्थ क्या होता है, ये नाम कहां से आया और ये क्यों रखा गया?
दरअसल, सुनामी शब्द जापानी भाषा से लिया गया है। इसे जापान के दो शब्द ‘tsu’, जिसका मतलब होता है बंदरगाह और ‘nami’ जिसका अर्थ होता है लहर को जोड़कर बनाया गया है। जहां तक अर्थ की मानें तो जापानी भाषा के जानकर बताते हैं कि इसका अर्थ होता है बंदरगाह की लहर। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि सुनामी लहरें समुद्र में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन जैसी घटनाओं से उत्पन्न होती हैं।
URGENT: People in Maui, Hawaii are trying to escape the tsunami and are BEGGING Oprah to open the private road on her property.
— Baatein Stock Ki (@BaateinStockKi) July 30, 2025
She’s reportedly still refusing.
In a crisis, blocking an escape route is inhumane.#Tsunami #Maui #Oprah #LetThemOut pic.twitter.com/JeqeVwDcyS
800 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं, 100 फीट ऊंचाई तक लहरें बनती हैं भीषण तबाही का कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सुनामी या tidal wave समुद्र तल में भूकंपीय हलचल से आती है। साइंटिफिक भाषा में बताएं तो जब समुद्र के तल में टेक्टोनिक प्लेट खिसकती हैं तो भूकंपीय सागरीय लहर, भूस्खलन या उल्कापात से सुनामी आती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 7.0 रिक्टर स्केल से अधिक वाले भूकंप में ऊंची लहरें होने का खतरा अधिक होता है जो सुनामी का कारण बनता है। इस दौरान सम्रुद्र में करीब 800 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलती हैं, जो भीषण तबाही ला सकती हैं। वहीं, इस दौरान समुद्र की लहरें करीब 100 फीट ऊंचाई तक जा सकती हैं।

प्रशांत महासागर में सबसे ज्यादा सुनामी आती हैं
अब तक दुनिया में कितनी सुनामी आई हैं इसका सटीक आंकड़ा तो नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ज्यादा सुनामी आती हैं। प्रशांत महासागर में इनका खतरा सबसे अधिक रहता है। अभी तक 12 से अधिक सुनामी आ चुकी हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सुनामी के बारे में समय से पता लग जाए इसके लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस बारे में पुख्ता भविष्यवाणी करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। साल 2000 में डीप ओशियन असेसमेंट एंड रिपोर्टिंग ऑफ सुनामी (DART) सिस्टम शुरू किया गया था। ये सिस्टम समुद्र तल पर दबाव रिकॉर्डर और सतह पर तैरती डिवाइस के माध्यम से सुनामी का पता लगाता है।
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