---विज्ञापन---

दुनिया

Explained: क्या होती है ‘अंतरिम’ सरकार, नेपाल की अस्थायी सरकार के पास नहीं होंगे ये अधिकार; देश में चुनाव कब?

What are the Powers of Interim Government in Nepal: अंतरिम सरकार के पास सरकार चलाने के सीमित अधिकार होते हैं। ये सरकार केवल दैनिक प्रशासन कार्य सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए बनाई जाती है। अस्थायी सरकार सेना या विदेश नीति जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सीमित हस्तक्षेप रखने का अधिकार रखती है। अंतरिम सरकार कुछ हफ्तों से चंद महीनों तक के लिए होती है। बहरहाल देखने वाली बात ये होगी कि नेपाल के वर्तमान हालत में ये कितने समय के लिए रहेगी।

Author Written By: Amit Kasana Author Published By : Amit Kasana Updated: Sep 13, 2025 08:43
Nepal interim government, Sushila Karki, Gen Z protests, KP Sharma Oli resignation, Nepal elections 2026, caretaker government powers, Nepal Constitution Article 100, Nepal vs India PM selection, anti-corruption movement Nepal, Nepal army control What are the Powers of Interim Government in Nepal caretaker govt Limits Path to Next Elections Nepal Gen Z Protests
नेपाल में सुशीला कार्की के नेतृत्व में बन सकती है अंतरिम सरकार

What are the Powers of Interim Government in Nepal: नेपाल में हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है। इस बीच सेना और प्रदर्शनकारियों में बातचीत हुई है। बातचीत के बाद पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को Gen Z ने अपना नेता चुना है। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में नेपाल में अगली अंतरिम सरकार का गठन होगा।

दरअसल, नेपाल संविधान के अनुच्छेद 100 के अनुसार जब देश में किसी कारण से तत्कालीन सरकार गिर जाती है या फिर किसी कारण से प्रधानमंत्री अपने इस्तीफा दे देते हैं तो नेपाल में ‘अंतरिम’ या ‘केयरटेकर’ सरकार बनाई जा सकती है।

---विज्ञापन---

अंतरिम सरकार के पास नहीं होते सभी अधिकार

जानकारी के अनुसार अंतरिम सरकार के पास सरकार चलाने के सीमित अधिकार होते हैं। नेपाल मीडिया के अनुसार अस्थायी सरकार अपने कार्यकाल में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव या निर्णय नहीं ले सकती है। अंतरिम सरकार को केवल दैनिक प्रशासन कार्य सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए बनाया जाता है। ऐसी सरकार खासकर विदेशी नीति और देश की सेना से जुड़े बड़े फैसले नहीं ले सकता है।

देश की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं सुशीला कार्की, 2016 में संभाला था पदभार

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। उन्होंने 2016 में अपना पदभार संभाल था, उनकी छवि बेहद निष्पक्ष और ईमानदार जज की है। यहां बता दें कि अंतरिम सरकार में कोई नया कानून पारित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा अस्थायी सरकार सेना या विदेश नीति जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सीमित निर्णय लेने का अधिकार रखती है। अमूमन अंतरिम सरकार कुछ हफ्तों से चंद महीनों तक ही चलती है।

---विज्ञापन---

कैसे होता है नेपाल में प्रधानमंत्री का चयन, इंडिया से अलग कैसे?

नेपाल में संसदीय लोकतंत्र है, यहां प्रधानमंत्री का पद कार्यकारी प्रमुख का होता है। देश का प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अधीन आता है। नेपाल के संविधान के अनुसार यहां प्रधानमंत्री का चयन संसद के बहुमत के आधार पर होता है। राष्ट्रपति संसद में सबसे बड़े दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करता है। उम्मीदवार को 30 दिनों के भीतर संसद में विश्वासमत हासिल करना होता है, अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो अन्य उम्मीदवार को मौका दिया जाता है।

भारत और अमेरिका में पीएम चयन की प्रक्रिया नेपाल से अलग

नेपाल में संसदीय प्रक्रिया भारत और अमेरिका से अलग है। भारत में संसदीय व्यवस्था है, यहां राष्ट्रपति बहुमत वाले लोकसभा सदस्य को प्रधानमंत्री बनाते हैं। बता दें इंडिया में लोकसभा पर निर्भरता अधिक है। जबकि इससे उलट नेपाल में क्षेत्रीय असंतुलन और जातीय विविधता दलों को प्रभावित करती है। इस सब के अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से चुना जाता है। बता दें हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगा। देश के युवा इस बैन के खिलाफ सरकार के विरोध में सड़कों पर उतरे। धीरे-धीरे युवाओं के इस विरोध प्रदर्शन ने विकराल रूप ले लिया और आगजनी के बाद नेपाल के पीएम को इस्तीफा देना पड़ा। अब देश में अंतरिम सरकार बनाने की तैयारी चल रही है।

ये भी पढ़ें: Nepal Gen Z Protest: 75 साल पुराने हैं भारत-नेपाल व्यापारिक संबंध, हर साल 75000 करोड़ का बिजनेस; हिंसा से करोड़ों का नुकसान

First published on: Sep 11, 2025 08:10 AM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.