---विज्ञापन---

दुनिया

भारत पर बढ़ सकता है और टैरिफ, अमेरिकी वित्त मंत्री ने दिया बड़ा बयान

भारत और अमेरिकी के बीच फिर टैरिफ विवाद शुरू हो गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रिश्तों में कुछ नरमी दिखाई पड़ी थी, लेकिन अमेरिकी वित्त मंत्री के बयान ने फिर सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। उन्होंने भारत जैसे देशों पर और टैरिफ लगाने की मांग की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Edited By : Raghav Tiwari Updated: Sep 7, 2025 21:57
भारत पर टैरिफ बढ़ाने के लिए अमेरिकी वित्त मंत्री ने की मांग।

एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच रिश्तों में कुछ नरमी दिखाई दी, वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी वित्त मंत्री के बयान ने एक बार दोनों देशों के बीच हलचल तेज कर दी है। अमेरिका पहले से ही भारत पर 50% टैरिफ लगा चुका है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने इसे और बढ़ाने की चेतावनी दी है। इसके पीछे बेसेन्ट ने रूस से तेल खरीद बताई है। स्कॉट बेसेन्ट ने रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक टैरिफ लगाने का आह्वान किया। कहा कि रूस और उसके तेल खरीदारों जैसे भारत आदि पर अतिरिक्त प्रतिबंध आर्थिक पतन को जन्म दे सकते हैं, जिससे पुतिन को यूक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।

रूस की घुटनों पर लाने की कोशिश

अमेरिकी का पूरा फोकस रूस-यूक्रेन युद्घ को रोकने का है। रविवार को एक इंटरव्यू में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि रूस और उससे तेल खरीदने देशों जैसे भारत आदि पर ज्यादा टैरिफ ही उनकी अर्थव्यवस्था का पतन कर सकते हैं। कहा कि केवल इसी तरीके से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की मेज पर वापस जा सकता है। यूक्रेन के साथ शांति वार्ता शुरू कराएगा।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: Trump Tariffs: ट्रंप के नए ऐलान में किन देशों को दी टैरिफ से छूट? सोना समेत 45 से अधिक चीजें शामिल

‘राष्ट्रपति पुतिन को दबाव में आना पड़ेगा’

रूस-यूक्रेन युद्घ रोकने पर बात करते हुए वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि क्या हम अब इस इंतजार में हैं कि यूक्रेनी सेना कितने समय तक टिक सकती है या रूसी अर्थव्यवस्था कितने समय तक टिक सकती है? कहा कि अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और प्रतिबंध लगा सकते हैं। अधिक सेकंडरी चार्ज लगा सकते हैं, तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। इससे रूसी राष्ट्रपति पुतिन को दबाव में आना पड़ेगा।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: टैरिफ वॉर के बीच इस दिन हो सकती है पीएम मोदी-ट्रंप की मुलाकात, अगले महीने होगा ASEAN शिखर सम्मेलन

‘… लेकिन यूरोप से सहयोग चाहिए’

बेसेन्ट ने कहा कि हम रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें यूरोप में अपने सहयोगियों से भी ऐसा ही करने की जरूरत है। कहा कि युद्ध के शुरुआती दौर से ही रूस अमेरिका और यूरोप दोनों के कड़े प्रतिबंधों के अधीन आता है। लेकिन रूस को भारत, चीन और अन्य जगहों पर रूसी तेल और गैस के ग्राहक मिल गए हैं।

First published on: Sep 07, 2025 09:02 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.