कंबोडिया और थाईलैंड के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से फोन पर बातचीत की है और इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है। दोनों देशों के बारे में जानकारी देते हुए ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को रोकने की बात दोहराई है।
दोनों देशों पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रम्प?
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ट्रंप ने बताया है कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड के प्रधानमंत्रियों से बातचीत की है। उन्होंने कहा, “मैंने अभी-अभी थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से बात की है और यह बहुत अच्छी बातचीत रही। कंबोडिया की तरह थाईलैंड भी युद्धविराम और शांति चाहता है। अब मैं यह संदेश कंबोडिया के प्रधानमंत्री को भेजूंगा। दोनों पक्षों से बात करने के बाद, युद्धविराम, शांति और समृद्धि स्वाभाविक प्रतीत होती है। हम यह जल्द ही देखने वाले हैं।”
‘लड़ने वाले देशों से कोई समझौता नहीं’
डोनाल्ड ट्रंप ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि थाईलैंड के साथ युद्ध रोकने के संबंध में कंबोडिया के प्रधानमंत्री से बात की है। “मैं अभी थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को फोन कर रहा हूं, ताकि युद्धविराम और वर्तमान में चल रहे युद्ध को समाप्त करने का अनुरोध कर सकूं। संयोग से, हम वर्तमान में दोनों देशों के साथ व्यापार पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अगर कोई देश लड़ रहा है तो हम उसके साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते और मैंने उन्हें ऐसा बता दिया है।
भारत-पाक का किया जिक्र
ट्रंप ने आगे कहा कि थाईलैंड के साथ बातचीत थोड़ी देर में हो रही है। कंबोडिया के साथ बातचीत समाप्त हो गई है, लेकिन थाईलैंड के आधार पर युद्ध रोकने और युद्धविराम के बारे में फिर से बात करने की उम्मीद है। मैं एक जटिल स्थिति को सरल बनाने की कोशिश कर रहा हूं। इस युद्ध में कई लोग मारे जा रहे हैं, लेकिन यह मुझे पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष की बहुत याद दिलाता है, जिसे सफलतापूर्वक रोक दिया गया था।
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एक अन्य पोस्ट में लिखा कि कंबोडिया के प्रधानमंत्री से मेरी अच्छी बातचीत हुई और मैंने उन्हें थाईलैंड और उसके कार्यवाहक प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी बातचीत की जानकारी दी। दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति चाहते हैं। वे तुरंत मिलने और युद्धविराम व अंततः शांति स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के साथ व्यापार करना सम्मान की बात थी। जब सब कुछ हो जाएगा और शांति स्थापित हो जाएगी, तो मैं दोनों देशों के साथ अपने व्यापारिक समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हूं।