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US में 1.3 करोड़ अप्रवासी, क्या 10 साल में निकाल पाएंगे ट्रंप; घुसपैठ से निपटने में और क्या चुनौतियां?

US New President Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार अवैध प्रवासियों का मुद्दा छाया रहा। डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। ट्रंप ने कहा कि अवैध तौर पर अमेरिका में घुसपैठ करने वाले यहां के युवाओं का रोजगार खा रहे हैं। अब चुनाव जीतने के बाद ट्रंप के सामने क्या चुनौतियां रहेंगी? इसके बारे में बात करते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Nov 7, 2024 16:04
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Donald Trump

US Infiltration Issue: डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। इस चुनाव में ट्रंप ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा काफी उठाया। ट्रंप ने चुनाव के दौरान कहा था कि अवैध घुसपैठियों की वजह से अमेरिका के युवा बेरोजगार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार चुनाव जीतने के बाद ट्रंप रिकॉर्ड संख्या में अवैध प्रवासियों को निकालने के लिए मुहिम शुरू करने वाले हैं। माना जा रहा है कि अवैध घुसपैठ से निपटने में ट्रंप सेना के अलावा विदेशों में मौजूद अपने राजनयिकों की मदद भी लेंगे।

अमेरिका की सरकारी एजेंसियों को भी इस मुहिम में शामिल किया जाएगा। जो अवैध प्रवासियों की पहचान करेगी। डोनाल्ड ट्रंप पहले भी इस मुद्दे को लेकर कई बार अपने देश में घिर चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बार भी उनको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। डिपोर्ट करने से पहले कानूनी चुनौतियां भी हैं।

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उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक चैनल से बातचीत में स्वीकार किया कि 10 साल में घुसपैठियों को बाहर निकालना आसान नहीं है। हर साल सिर्फ 10 लाख लोगों को ही डिपोर्ट किया जा सकता है। इसके लिए यूएस को काफी पैसे खर्च करने होंगे। ट्रंप का फैसला विभाजनकारी साबित हो सकता है। क्योंकि डिपोर्ट के बाद कई लोग अपने परिवारों से दूर हो जाएंगे। अमेरिकी इमीग्रेशन काउंसिल के मुताबिक अमेरिका में फिलहाल 1.3 करोड़ अवैध प्रवासी हैं। इनको निकालने में ट्रंप प्रशासन को लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर (8,43,66,95,00,00,000 रुपये) खर्च करने पड़ सकते हैं। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ट्रंप के फैसले का पहले से विरोध कर रही है। जिसने कानूनी लड़ाई की तैयारी भी कर ली है।

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कई देश हो सकते हैं नाराज

यूनियन के अनुसार अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निकालने से कई देश नाराज हो सकते हैं। यूनियन को पहले से अंदेशा था कि ट्रंप की अमेरिका में वापसी हो सकती है। वे घुसपैठ के मुद्दे पर सख्ती कर सकते हैं। इससे निपटने के लिए यूनियन के 15 वकीलों ने एक साल पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। ACLU के एक वकील ली गेलर्नट के अनुसार इमीग्रेशन पर उनका पूरा ध्यान है। ट्रंप के लिए विदेशी सरकारों को अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए राजी करना भी बड़ी चुनौती है। देखने वाली बात होगी कि ट्रंप अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए क्या रुख अपनाते हैं?

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Nov 07, 2024 04:04 PM

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