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Ukraine-Russia war: रूस-यूक्रेन युद्ध के छह महीने पूरे, कीव में जेलेंस्की के साथ दिखे बोरिस जॉनसन

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को आज छह महीने पूरे हो गए। इन छह महीनों में रूस और यूक्रेन को युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन एक बार फिर आज कीव में दिखे। बोरिस जॉनसन को यूक्रेन की राजधानी कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ […]

Author Edited By : Om Pratap Updated: Aug 25, 2022 11:52

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को आज छह महीने पूरे हो गए। इन छह महीनों में रूस और यूक्रेन को युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन एक बार फिर आज कीव में दिखे। बोरिस जॉनसन को यूक्रेन की राजधानी कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ देखा गया। दोनों देशों के बीच युद्ध कब समाप्त होगा, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन युद्ध के छह महीनों के अंदर दोनों देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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बात की जाए दोनों देशों के सैनिकों और नागरिकों की मौत की तो इस संबंध में अलग-अलग आंकड़े और दावे हैं। यूएन ऑफिस ऑफ द हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (OHCHR) के अनुसार, 24 फरवरी से अब तक यूक्रेन में 5,587 नागरिकों की मौत हुई है जबकि 7,890 नागरिक घायल हुए हैं।

उधर, 22 अगस्त को यूक्रेनी सशस्त्र बलों के कमांडर जनरल वेलेरी जालुज़्नी ने घोषणा की कि लगभग 9,000 यूक्रेनी सैनिक युद्ध में मारे गए हैं। वहीं, मारे गए रूसी सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में अब तक 15,000 रूसी सैनिक मारे गए हैं और तीन गुना अधिक घायल हुए हैं।

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41 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन ने किया पलायन

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, 24 फरवरी के बाद से एक तिहाई यूक्रेनियन यानी 41 मिलियन से अधिक लोगों ने पलायन किया है, जो इस समय दुनिया की सबसे खराब मानव विस्थापन आपदा है। एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, पूरे यूरोप में 6.6 मिलियन से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें सबसे बड़ी आबादी पोलैंड, रूस और जर्मनी में है।

मारे गए लोगों के अलावा रॉयटर्स का अनुमान है कि यूक्रेन ने अपने लगभग 22% क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है और रूसी बमबारी ने कुछ शहरों को वीरान कर दिया है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के अनुसार, 2022 में यूक्रेन की जीडीपी 45% तक गिर जाएगी। प्रधानमंत्री डेनिस श्यामल के अनुसार, युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण की पूरी लागत लगभग 750 अरब डॉलर होगी।

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रूस पर प्रतिबंधों का हो रहा वैश्विक असर

यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाया था जिसका वैश्विक असर पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों ने ऊर्जा, धातु, गेहूं, उर्वरक और अन्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी ला दी है। सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है। यह प्राकृतिक गैस, गेहूं, नाइट्रोजन उर्वरक और पैलेडियम का दुनिया का शीर्ष निर्यातक भी है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वैश्विक तेल की कीमतें 2008 के बाद से रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं।

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Edited By

Om Pratap

Edited By

Manish Shukla

First published on: Aug 24, 2022 07:54 PM
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