Twin Sister Suchita Savita Naidu Unique Story One Became Brother: जन्म से जुड़वां बहनें सविता-सुचिता नायडू की अनोखी कहानी सामने आई है। सविता और सुचिता बचपन से एक जैसे कपड़े पहनती थीं, एक साथ घूमती थी, लेकिन अब दोनों एक जैसी नहीं रही। यानी 21 साल की सविता अब पुरुष बन चुकी है। वहीं, सुचिता मिस इंग्लैड कॉम्पिटिशन में कॉम्पिटिटर है। जेंडर चेंज कराने के बावजूद दोनों बचपन की तरह एक दूसरे की दीवानी हैं।
डेली मेल के मुताबिक, दोनों ने अपने बचपन की फोटोज शेयर की हैं, जिसमें दोनों एक जैसी दिख रही हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपनी पुरानी तस्वीरें देखना काफी पसंद है। एक तस्वीर के बारे में सविता (अब साव) बताती है कि तस्वीरें देखने के बाद नहीं लगता कि इतना कुछ बदल गया है। सविता के मुताबिक, सुचिता को बचपन से बार्बी, मेकअप और फैशन पसंद था, जबकि मुझे एक्शन फिगर, सुपरहीरो और कारें पसंद थीं। मुझे बचपन में माता पिता ‘टॉमबॉय’ बुलाते थे।
नवीनतम जनगणना आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में लगभग 2 लाख 50 हजार ट्रांसजेंडर्स हैं। जेंडर चेंज कराने के बाद साव ने बाल छोटे कर लिए हैं, पुरुषों वाले कपड़े पहनती है। वहीं, सुचिता हाई हील और छोटी, तंग पोशाकों में इधर-उधर घूमती है।
इस महीने की शुरुआत में, सुचिता मिस इंग्लैंड की ‘मेकअप-फ्री’ सेगमेंट में फाइनलिस्ट थीं। उनका कहना है कि ब्यूटी क्वीन बनकर, वह ‘उन लोगों के बारे में बात करने के लिए एक मंच चाहती हैं जो हाशिए पर हैं और उनके साथ भेदभाव किया जाता है’।
23 साल पहले माता-पिता आए थे ब्रिटेन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुचिता और सविता के माता पिता 23 साल पहले मलेशिया से ब्रिटेन आए थे। जेंडर चेंज के सवाल पर साव और सुचिता का कहना है कि उन्होंने जो हासिल किया है, उससे उनके माता-पिता को अधिक गर्व नहीं हो सकता। 2002 में उत्तरी लंदन के हैम्पस्टेड में जन्मी सुचिता और सविता की मां सरोजा मैथ्स की टीचर थीं। सुचिता-सविता के पिता श्री बैरिस्टर हैं। उनके माता-पिता यूनिवर्सिटी में मिले थे और 2000 में यूके चले गए थे। इस दौरान श्री को ऊर्जा कंपनी में नौकरी मिल गई। पांच साल बाद, परिवार मलेशिया लौट आया, जहां वे 2012 तक रहे।
साव के मुताबिक, उनकी दो और बड़ी बहनें हैं, जो 24 और 26 साल की हैं। साव बताते हैं कि छह साल की उम्र तक मैंने सुचिता के साथ स्कूल में क्लासेज शेयर कीं। वहीं, सुचिता बताती हैं कि जिस सुबह मुझे पता चला कि हम अलग हो रहे हैं, हम बहुत रोए। हम अलग होना सहन नहीं कर सकते थे।
आठ साल की उम्र में साव को पता चली ये बात
साव ने बताया कि मुझे आठ साल की उम्र से ही पता चल गया था कि मेरे मन में लड़कों के लिए नहीं बल्कि लड़कियों के लिए भावनाएं हैं। इससे पहले मैं, सुचिता के साथ बचपन में जब खेलता था तो हम शादी-शादी खेलते थे और मैं दूल्हा बनता था। साव ने बताया कि जब हम 10 साल के थे, तब माता-पिता हमें लेकर ब्रिटेन आ गए। एक साल बाद माता-पिता ने हमारा एडमिशन हर्टफोर्डशायर में लड़कियों वाले वॉटफोर्ड ग्रामर स्कूल में करा दिया।
साव ने कहा कि मैंने स्कूल में दो सप्ताह तक स्कर्ट पहनी, फिर पैंट पहनने लगा। उसने बताया कि मैंने पहली बार 16 साल की उम्र में लड़की होते हुए अपनी बहन को बताया कि मुझे लड़कों में इंस्ट्रेस्ट नहीं है, यानी मैं लड़का जैसा महसूस करता हूं। 2017 में मैंने करीबी दोस्त से खुलकर बात की। इसके बाद साव ने इस बारे में अपने माता-पिता से बात की। इसके बाद मेरे पिता ने मुझे गले लगाया और कहा कि कोई बात नहीं।
साव के मुताबिक, मेरे घरवालों ने मुझसे पूछा कि आगे क्या करना है, क्या तुम सर्जरी कराओगे? फिलहाल, साव ने पुरुष बनने की दिशा में कोई शारीरिक या चिकित्सीय कदम नहीं उठाया है। उसने बताया कि मैंने डॉक्टर से मुलाकात की है, फिलहाल मैं लिंग पहचान क्लिनिक की प्रतीक्षा सूची में हूं और इस प्रक्रिया में तीन साल लग सकते हैं।