Texas supreme court Stay on abortion: अमेरिका के टेक्सास के सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला के इमरजेंसी अबॉर्शन कराने पर अस्थायी रोक लगा दी है। राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से निचली अदालत के फैसले को पलटने का आग्रह किया था। जिसने एक महिला को गर्भपात कराने की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने यह कदम तब उठाया गया है जब कई राज्यों ने प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल को लेकर गर्भपात कानूनों को कड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की समीक्षा करने का फैसला किया है और पूरी तरह से मूल्यांकन होने तक निचली अदालत के फैसले को निलंबित कर दिया है।
वकील ने कोर्ट के फैसले पर खड़े किए सवाल
अटॉर्नी जनरल पैक्सटन ने निचली अदालत के फैसले पर आपत्ति जताई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश टेक्सास के गर्भपात कानूनों का उल्लंघन करने के लिए अस्पतालों, डॉक्टरों या किसी अन्य को नागरिक और आपराधिक दायित्व से नहीं बचाता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स के एक वरिष्ठ स्टाफ वकील मौली डुआने ने न्याय में संभावित देरी के बारे में चिंता व्यक्त की। डुआने ने ऐसे मामलों में चिकित्सा देखभाल पर जोर देते हुए कहा कि केट कॉक्स पहले से ही 20 सप्ताह की गर्भवती है। हमें डर है कि न्याय में देरी न्याय से वह न्याय वंचित हो जाएगी।
USA: Texas Supreme Court temporarily blocks woman's emergency abortion permission.#Abortion #USA #Texas pic.twitter.com/0jqiM3cqvV
— Khursheed Baig (@khursheed_09) December 9, 2023
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महिला 20 सप्ताह की गर्भवती है
निचली अदालत के जज ने कहा कि 31 वर्षीय मां केट कॉक्स मां बनने के लिए बेहद उत्सुक हैं। यह कानून वास्तव में उनकी मां बनने की क्षमता खो सकता है और यह न्याय का वास्तविक गर्भपात होगा। मीडिया की रिपोर्टों अनुसार कि कॉक्स 20 सप्ताह की गर्भवती है और ट्राइसॉमी 18 से पीड़ित है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें जीवित रहने की बहुत कम संभावना होती है। बता दें कि टेक्सास सुप्रीम कोर्ट का अस्थायी निरोधक आदेश 20 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।
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