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असद का कत्लखाना कहलाती है सीरिया की ये जेल, 14 साल में 1 लाख लोगों को उतारा मौत के घाट

World News in Hindi: सीरिया में बशर अल असद के शासन का अंत हो चुका है। पूर्व राष्ट्रपति ने भागकर रूस में शरण ले ली है। सीरिया में एक जेल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस जेल को असद का कत्लखाना कहा जाता था।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 10, 2024 18:04
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Syria

World Latest News: सीरिया में बशर अल असद के 24 साल से चल रहे शासन का अंत हो चुका है। राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है। बशर के देश छोड़ने के बाद विद्रोहियों ने सबसे पहले से सेडनाया जेल पर हमला बोला। यहां से हजारों कैदियों को आजाद करवाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि जेल के बाहर बड़ी संख्या में लोग खड़े हैं। बरसों से इस जेल में हजारों लोग बंद थे। लोग अपनों की तलाश में पहुंचे थे। इस जेल को असद का कत्लखाना कहा जाता है। लोगों ने जेल की दीवारों को तोड़कर कैदियों को बाहर निकाला। कहा जाता है कि इस जेल में जो भी कैदी जाता था, उसके जिंदा लौटने की उम्मीद कोई नहीं करता था। लोग जेल का नाम सुनकर ही कांप जाते थे।

बीमार कैदियों को नहीं मिलता था इलाज

इस जेल को ‘यातनाओं का घर’ कहा जाता है। यहां कैदियों को क्रूरता से रखा जाता था। उनको अमानवीय तौर पर कई-कई दिन भूखा रखा जाता था। शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता था। कई कैदियों को अकेले कई बरस तक एक ही कोठरी में रखा जाता था। जो कैदी बीमार हो जाता था, उसका इलाज नहीं करवाया जाता था। मानव अधिकार संगठनों की रिपोर्ट्स के अनुसार इस जेल में पिछले 14 साल में लगभग 1 लाख कैदियों की मौत हुई है।

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अधिकतर कैदियों को या तो फंदे पर लटकाकर मार दिया गया या बीमारी से उनकी मौत हो गई। इस जेल की स्थिति ऐसी थी कि कैदी खुद भी जान देने की सोचता था। असद के शासन के अंत के बाद जेल की कहानी दुनिया के सामने आई है। कई देश पहले भी इस जेल को लेकर असद शासन की आलोचना कर चुके थे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति पर इसका कोई असर नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि इस जेल को 1960 के दशक में बनाया गया था। शुरू में यहां राजनीतिक कैदियों को रखा जाता था। लेकिन सीरिया में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद कैदियों की तादाद बढ़ गई। जिसके बाद लोगों को इस जेल में लाकर मारा जाने लगा।

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असद के भरोसेमंद अधिकारी थे जेल में

जिन लोगों की मौत हो जाती थी, उनका केस बंद कर दिया जाता था। सूत्रों के मुताबिक यहां बड़ी संख्या में विपक्ष के लोगों, प्रदर्शनकारियों, विदेशी नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया। जेल के अंदर कैदियों के साथ कैसा सलूक होता था, इसके बारे में किसी को नहीं बताया जाता था? सरकार सूचना दबा देती थी। इस जेल को संगठित तरीके से चलाया जाता था। जेल के अधिकारी जान-बूझकर अंदर ऐसे हालात बना देते थे, जिससे कैदी खुद भी मौत को गले लगा लेते थे। ये अधिकारी असद के भरोसेमंद होते थे।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 10, 2024 06:04 PM

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