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Water Emergency: इस देश में लगा आपातकाल, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Vietnam Emergency over Drought: दक्षिण एशिया के 10 आसियान देशों में शुमार वियतनाम में सूखा पड़ने लगा है। ताजे पानी की कमी के कारण वियतनाम सरकार ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है और हजारों लोगों की जिंदगी मुश्किल में फंस गई है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 7, 2024 13:07
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Vietnam Drought

Vietnam Emergency over Drought: दुनिया के कई देशों से आए दिन इमरजेंसी की खबरें सामने आती हैं। कभी सेना के सत्ता पर काबिज होने की वजह से देश में इमरजेंसी लगा दी जाती है तो कभी दो देशों का युद्ध आपातकाल का कारण बनता है। मगर दक्षिण एशिया में मौजूद एक देश ने पानी की कमी के कारण देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है। इस देश में ताजे पानी की भारी कमी हो चुकी है और लाखों लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं बचा है।

समुद्र से घिरा है ये देश

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हम बात कर रहे हैं चीन के पड़ोसी देश वियतनाम की। जी हां, कहने को तो वियतनाम का पूर्वी तट समुद्र से घिरा है। 3 हजार किलोमीटर से अधिक की कोस्टलाइन होने के बावजूद वियतनाम में पीने के पानी की कमी हो गई है। आलम ये है कि वियतनाम सरकार को वहां आपातकाल घोषित करना पड़ गया है।

क्या है कारण?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लू के कारण वियतनाम में सूखे की स्थिति बन गई है। दक्षिण चीन सागर से काफी सारा खारा पानी वियतनाम के ताजे पानी में मिलने लगा है, जिसके कारण लोगों को ताजा पानी नहीं मिल पा रहा है। वियतनाम के तान का डोंग प्रांत दक्षिण चीन सागर से 12 किलोमीटर का समुद्री तट साझा करता है। ऐसे में ताजा पानी भी धीरे-धीरे खारा होने लगा है, जिसके चलते पूरे इलाके की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है और 43 हजार लोगों का जीवन संकट में आ गया है।

सरकार ने निकाला जुगाड़

खबरों के अनुसार वियतनाम की कुछ जगहों पर ताजा पानी नहीं मिल पा रहा है। वियतनाम सरकार ने इमरजेंसी लगाने के बाद मामले पर तुरंत एक्शन लिया है। सरकार ने आस-पास की झीलों और तालाबों में ताजा पानी सप्लाई करवाना शुरू कर दिया है। ऐसे में वियतनाम के लोगों ने राहत की सांस ली है। मगर परेशानी अभी पूरी तरह से नहीं टली है। जलवायु परिवर्तन के कारण खारे पानी की समस्या बढ़ सकती है।

करोड़ों की फसल तबाह

आंकड़ों के अनुसार ताजा पानी कम होने के कारण वियतनाम को 3 बिलियन डॉलर की फसलों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे 80 हजार हेक्टेयर में मौजूद चावल और फलों की फसल खराब हो सकती है। सभी फसलों पर खारे पानी का बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। 2016 में आई एक रिपोर्ट की मानें तो आने वाले 100 सालों में दुनिया के कई देश सूखे की मार झेल सकते हैं और 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर तक की जमीन सैलेनाइजेशन का शिकार हो सकती है।

 

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News24 हिंदी

First published on: Apr 07, 2024 12:48 PM

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