नई दिल्ली: भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर शुक्रवार को हमला करने वाले आरोपी को कुछ देर बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान न्यूजर्सी के फेयरव्यू निवासी 24 वर्षीय हादी मतर के रूप में हुई है।
न्यूयॉर्क पुलिस के मेजर यूजीन स्टैनिज़ेव्स्की (Major Eugene Staniszewski) ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि हादी मतर अचानक मंच पर पहुंच गया और सलमान रुश्दी के गले और पेट में चाकू से एक-एक वार किया। रुश्दी के बुक एजेंट एंड्र्यू वायली के मुताबिक, हमले के बाद रुश्दी की एक आंख की रोशनी जाने का खतरा है। वायली ने कहा कि पेट में चाकू के हमले से उनका लीवर डैमेज हो गया है।
लेक्चर देने से पहले हमलावर ने मारा चाकू
बता दें कि न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में रुश्दी को लेक्चर देना था। इस दौरान वहां पहुंचे हमलावर हादी मतर के पास मंच तक पहुंचने के लिए पास था। मेजर स्टैनिज़ेव्स्की ने कहा कि आरोपी के पास से एक बैग मिला है जिसमें कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान थे। उन्होंने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और फिलहाल हमले के पीछे के मकसद के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। स्टैनिज़ेव्स्की ने कहा कि न्यूयॉर्क पुलिस हमले के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए एफबीआई और शेरिफ ऑफिस के साथ काम कर रहा है।
सैटेनिक वर्सेज किताब के लिए रुश्दी को मिल रही थी धमकियां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलमान रुश्दी को उनकी किताब सैटेनिक वर्सेज किताब के लिए पिछले कई सालों से धमकियां मिल रही थीं। ये सलमान की चौथी किताब थी। 1988 में पब्लिश इस किताब के मार्केट में आने के बाद एक समुदाय विशेष के बीच आक्रोश फैल गया और उन्होंने इस किताब को ईशनिंदा करार दिया था। किताब और सलमान के खिलाफ पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन होने लगा था और किताब पर प्रतिबंध की भी मांग की गई थी।
ईरानी नेता ने रुश्दी के खिलाफ जारी किया था फतवा
किताब के पब्लिश होने के एक साल बाद ईरान के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ फतवा भी जारी किया था। कहा जाता है कि धमकियों के बाद भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी करीब 10 साल तक छिपे रहे थे। बता दें कि सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को उस समय चाकू से हमला कर दिया गया जब वे पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में लेक्चर देने वाले थे। उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी चोटों के इलाज के लिए उनकी सर्जरी की गई।