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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन संघर्ष पर जताई चिंता, कहा-यह युद्ध का युग नहीं

मास्को: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूक्रेन संघर्ष से होने वाले परिणामों के बारे में चिंता जताई है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने रूसी पक्ष के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यूक्रेन संघर्ष से होने वाले परिणामों […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Nov 9, 2022 11:12
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मास्को: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूक्रेन संघर्ष से होने वाले परिणामों के बारे में चिंता जताई है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने रूसी पक्ष के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यूक्रेन संघर्ष से होने वाले परिणामों के बारे में चिंता जताई। जिसने दुनिया भर में ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित किया है। दोनों पक्षों के बीच नियमित उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम में विदेश मंत्री मास्को के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

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आगे यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति बताते हुए विदेश मंत्री ने आगे कहा, “जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को बताया यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा, “हम ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा पर बढ़ती चिंताओं को देख रहे हैं, जो संघर्ष से उत्पन्न हो रहे हैं।

कई पहलुओं पर समीक्षा 

विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के संघर्ष के प्रभाव को वैश्विक दक्षिण द्वारा गंभीर रूप से महसूस किया जा रहा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “अभी-अभी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक चर्चा समाप्त हुई है। हमारे स्थिर और समय-परीक्षणित संबंधों के पूरे पहलू की समीक्षा की।

इन मुद्दों पर सहयोग 

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी है जिसने कई दशकों से दोनों देशों की अच्छी सेवा की है। उन्होंने कहा, “इसमें व्यापार, निवेश, वस्तु आदि जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग के साथ-साथ रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु जैसे संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि मॉस्को आने का उनका उद्देश्य रूसी नेतृत्व के साथ बैठकर यह आकलन करना है कि भारत-रूस संबंध कैसे चल रहे हैं।

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इस मुद्दे से जूझ रहे

विदेश मंत्री ने कहा हाल के वर्षों में, भारत और रूस इस बात से जूझ रहे हैं कि कैसे द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार किया जाए और दीर्घकालिक स्थिरता और विकास के अधिक कारकों को पेश किया जाए। दोनों पक्षों ने इस साल द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि पर भी ध्यान दिया और इस पर ध्यान केंद्रित किया कि इसे ओर अधिक टिकाऊ कैसे बनाया जाए।

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Amit Kasana

Edited By

Manish Shukla

First published on: Nov 08, 2022 08:55 PM

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