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एस जयशंकर पहुंचे बीजिंग, चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ कल होगी द्विपक्षीय वार्ता, SCO सम्मेलन में करेंगे शिरकत

S Jaishankar China Visit: विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर सिंगापुर के बाद दिन दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंच गए हैं। वह अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके साथ ही वे 14-15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए तियानजिन जाएंगे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 13, 2025 22:11
DR. S. Jaishankar, Jaishankar china Visit
विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से चीन के दौरे पर।

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर सिंगापुर के बाद दिन दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंच गए हैं। जयशंकर की चीन यात्रा 5 साल बाद हो रही है। इस दौरान वे अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। साथ ही जयशंकर SCO सदस्य देशों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वे 15 जुलाई को तियानजिन (Tianjin) में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेंगे।

क्यों खास है यह दौरा?

एस जयशंकर का यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके बाद वे 14-15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए तियानजिन जाएंगे। एससीओ चीन के नेतृत्व वाला एक बहुपक्षीय समूह है, जिसमें भारत और पाकिस्तान सहित 9 स्थायी सदस्य शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों मंत्रियों के बीच भारत को दुर्लभ मृदा आपूर्ति, दलाई लामा का उत्तराधिकार, हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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2023 में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच हुई थी बैठक

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर 2023 में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई थी। यह पिछले लगभग 5 वर्षों में पहली उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि भारत-चीन संबंध तभी स्थिर और सकारात्मक हो सकते हैं, जब वे पारस्परिक विश्वास, पारस्परिक सम्मान और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित हों।

NSA डोभाल और राजनाथ सिंह ने भी किया था दौरा

इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी बीजिंग का दौरा किया था और कई अहम मुद्दों पर चीन के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी। पिछले महीने बीजिंग में एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक में अजीत डोभाल ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), अल कायदा और ISIS से उत्पन्न खतरे पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया था।

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इस बैठक के दौरान डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य वांग यी से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों के हालिया घटनाक्रमों की समीक्षा की और द्विपक्षीय रिश्तों के समग्र विकास पर जोर दिया, जिसमें लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाना भी शामिल था।

First published on: Jul 13, 2025 10:11 PM

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