सोमवार का दिन भूकंप के नाम जैसा लग रहा है। अलसुबह अफगानिस्तान में भूकंप आया। इसके झटके भारत और पाकिस्तान तक महसूस हुए। दोपहर को रूस में भूकंप ने दस्तक दी। कामचटका के पूर्वी तट पर भूकंप के झटके लगे। इसकी तीव्रता 6.4 रही। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रूस में आए भूकंप की गहराई 24 किलोमीटर पाई गई। इससे पहले जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र (जीएफजेड) ने तीव्रता 6.4 बताई है।
3 नवंबर को अफगानिस्तान में आए भूकंप में बड़ा नुकसान हुआ था। भूकंप से 20 लोगों की मौत हो गई। वहीं 60 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। भूकंप के झटके ईरान, पाकिस्तान और भारत में भी महसूस हुए थे। भारत के दिल्ली-NCR और अन्य राज्यों में भूकंप के हल्के झटके लगे।
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बता दें कि इससे पहले जुलाई में रूस के इसी कामचटका में काफी तेज भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 8.8 रही थी। इसके चलते प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। गत सितंबर में भी कामचटका के पूर्वी तट के पास दो बड़े भूकंप आए थे। वहीं सबसे ताकतवर भूकंप की बात करें तो साल 2011 में जापान के तोहोकू में आया था। यह सबसे शक्ति शाली भूकंप था। इससे अलावा साल 1906 में इक्वाडोर-कोलंबिया और साल 2010 में चिली में आया भूकंप दुनिया का छठा सबसे ताकतवर भूकंप था।
जानकारी के अनुससार, अलास्का-अलेउतियन सबडक्शन सिस्टम दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंपीय रूप से सक्रिय सिस्टमों में से एक है। इसमें पिछली सदी में किसी भी अन्य सिस्टम की तुलना में M8 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप पैदा किए हैं। कई भूकंपों के अलावा तटीय और पनडुब्बी भूस्खलन के चलते सुनामी तक आई है। साथ ही इस क्षेत्र में 130 से अधिक ज्वालामुखी और ज्वालामुखी क्षेत्र हैं। पिछले 200 सालों में फटे अमेरिका के तीन-चौथाई से अधिक ज्वालामुखी भी यहीं हैं।
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