तुर्की के इस्तांबुल शहर की एक दुकान में लगे पोस्टर ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। इस पोस्टर में भारतीयों, पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों से खासतौर पर डिस्काउंट न मांगने की अपील की गई है। इंस्टाग्राम पर वायरल हुई इस वीडियो ने लोगों को दो गुटों में बांट दिया कुछ ने इसे नस्लभेद बताया, तो कुछ ने दुकानदार का समर्थन किया। अब ये बहस इंटरनेट पर जोर पकड़ चुकी है।
दुकान में लगा विवादित संदेश
वीडियो में एक दुकान का नजारा दिखता है जिसमें काउंटर के पास एक पोस्टर चिपका हुआ है। उस पर साफ लिखा है कि “India, Pakistan and Bangladesh brothers, please don’t ask for a discount.” यानी “भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के भाइयों, कृपया डिस्काउंट न मांगें”। ये पोस्टर देखकर कई लोग नाराज हो गए तो कुछ ने दुकानदार की मजबूरी समझी।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस पोस्ट को देखकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की राय देने लगे। एक यूजर ने लिखा, “ये लोग डिस्काउंट नहीं मांगते, गिड़गिड़ाते हैं। हमने अपनी वेबसाइट पर इन देशों को ब्लॉक कर दिया है।” वहीं, किसी ने सवाल उठाया, “क्या बाकी देशों के लोग डिस्काउंट मांग सकते हैं?” कुछ ने तो यह भी कहा कि ऐसी बातों से भारतीयों की छवि बिगड़ती है।
दुनियाभर में बढ़ रही भेदभाव की घटनाएं
ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। हाल ही में जापान में एक व्लॉगर ने जब एक भारतीय युवक से पूछा कि वहां रहकर कैसा लगता है तो उसने तुरंत पलटकर पूछा कि “क्या आप नस्लभेदी हैं?” वहीं, कनाडा में भी एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ दक्षिण एशियाई छात्रों पर नस्लभेदी टिप्पणियां की गईं।
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बढ़ती सोशल मीडिया बहस
इस्तांबुल वाली घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है की क्या यह सही था? क्या दुकानदार का व्यवहार समझदारी भरा था या ये एक नस्लभेदी सोच का उदाहरण है? लोगों की राय बंटी हुई है, लेकिन इस पोस्टर ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विदेशों में दक्षिण एशियाई लोगों को किस तरह देखा जाता है।