Aviogenex Flight 130 Crash Memoir: पायलट को नजर का ऐसा भ्रम हुआ, 5000 फीट की ऊंचाई पर 500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ रहा जहाज अचानक तेजी से नीचे की ओर आया, रनवे से टकराकर हवा में उछला और हवा में ही टुकड़े-टुकड़े हो गया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने रनवे पर पैसेंजरों की लाशें और उनका सामान बिखरा देखा। मंजर इतना भयावह था कि एयरपोर्ट पर चीख पुकार मच गई।
सबसे घातक विमान हादसों में से एक इस हादसे के बाद का वो दृश्य आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। पायलट की एक गलती की कीमत 78 लोगों को जान देकर चुकानी पड़ी। जांच में खुलासा हुआ कि भारी बारिश के कारण पायलट को रनवे दूर नजर आया, जबकि वह काफी करीब था, इसलिए स्पीड कंट्रोल नहीं हुई और प्लेन रनवे से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्लेन में भीषण आग लग गई थी, जिसमें जलकर लोग मर गए।
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पैसेंजर्स छुट्टियां मनाने जा रहे थे रिजेका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज से 53 साल पहले 23 मई 1971 को फ्लाइट 130 ने टुपोलेव टीयू-134ए नामक नैरो बॉडी जेट प्लेन में गैटविक हवाई अड्डे लंदन से रिजेका हवाई अड्डे यूगोस्लाविया (क्रोएशिया) के लिए उड़ान भरी थी। प्लेन में 76 पैसेंजर और 7 क्रू मेंबर्स थे। इस फ्लाइट के पैसेंजर युगोस्लाविया के तीसरे सबसे बड़े शहर रिजेका में छुट्टियां मनाने जा रहे थे। 72 पैसेंजर्स ब्रिटेन के थे और बाकी युगोस्लाविया के थे।
रिजेका ATC से मौसम खराब होने की जानकारी मिली। लैंडिंग के दौरान युगोस्लाविया में समुद्रतल से 980 फीट की ऊंचाई पर भारी बारिश में प्लेन फंस गया। 6000 फीट की ऊंचाई तक घने बादल छाए हुए थे। भारी बारिश के कारण रनवे पर भी पानी जमा हो गया, लेकिन पायलट ने लाइट ऑफ करके डाउन एलिवेटर स्टार्ट किया और लैंडिंग करने का फैसला लिया, लेकिन पानी भरा होने से वह रनवे साफ नहीं देख पाया।
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4 क्रू मेंबर्स खिड़की से निकालकर बचाए गए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पानी और हवा के दबाव के कारण स्पीड कंट्रोल नहीं हुई। 160 मील प्रति घंटे की रफ्तार से प्लेन तेजी से नीचे गिरा। प्लेन के राइट गियर पर दबाव पड़ने से दायां पंख टूट गया, जिससे विमान पलट गया। वह रनवे से टकराकर हवा में उछला, फिर नीचे गिरा। उसके फ्लैप से चिंगारी निकली और इंजन में आग लग गई, जिसने पूरे प्लेन को चपेट में ले लिया। पैसेंजर्स में चीख पुकार मच गई।
केबिन में धुंआ भर गया और पैसेंजरों को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। बचाव अभियान चलाते हुए 4 क्रू मेंबर्स को खिड़की से निकाल लिया गया, लेकिन पैसेंजर्स नहीं बचाए जा सके। वे इमरजेंसी दरवाजे नहीं खोल पाए और केबिन में धुंआ भरने से बनी जहरीली गैस कार्बन मोनो-ऑक्साइड का शिकार बन गए।आग बुझाने के प्रयासों में बारिश और तेज हवाओं ने बाधा डाली। विस्फोट हुआ और मलबा बिखर गया।
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