Air France Flight 4590 Crash Memoir: फ्लाइट रनवे पर थी और टेकऑफ कर रही थी, अचानक जोरदार टक्कर हुई और टायर अलग होकर उछला। नीचे गिरते समय टायर विंग से टकरा गया, जिससे एक इंजन टूट गया और दूसरे से ऑयल लीक होने के लगा। इसके बाद जैसे ही विमान ऊंचाई पर गया, आग की लपटें निकलने लगीं। फिर जोरदार धमाका होते ही प्लेन आसमान में क्रैश हो गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने उड़ते समय विमान से निकल रही लपटें देखकर पायलट और क्रू मेंबर्स को बताया।
इससे पहले कि लैंडिंग गियर अपना काम करते, प्लेन हादसे का शिकार हो गया। टेकऑफ के समय जलते हुए विमान और हादसे के बाद का एक वीडियो सड़क से गुजरते हुए ट्रक ड्राइवर द्वारा अपने फोन में कैद किया गया था। फ्लाइट क्रू ने नजदीकी पेरिस-ले बॉर्गेट एयरपोर्ट पर लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन आग ज्यादा लगने के कारण सेफ लैंडिंग की संभावना बहुत कम थी। यह प्लेन क्रैश आज के दिन 14 साल पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था। आइए जानते हैं, इस हादसे का इतिहास…
On this day in 2000 Concorde Air France Flight 4590 crashes at Paris Charles de Gaulle airport, killing 113 people. It was the only fatal Concorde accident during its 27-year operational history. The crash was a direct cause of the end of the aircraft’s career. pic.twitter.com/iG9m6oR1FF
---विज्ञापन---— Klaas Meijer (@klaasm67) July 25, 2021
टायर टकराने से ऑयल टैंक फट गया था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 25 जुलाई 2000 को एयर फ्रांस फ्लाइट 4590 ने पेरिस से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरी थी। इंटरनेशनल चार्टर फ्लाइट एक कॉनकॉर्ड पैसेंजर जेट प्लेन में टेकऑफ हुई थी, लेकिन यह फ्लाइट उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी और इसमें सफर कर रहे सभी 100 पैसेंजर्स, 9 क्रू मेंबर्स और 4 स्थानीय नागरिक मारे गए थे। पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट के रनवे पर एक जहाज का मलबा पड़ा था। उड़ान भरते समय एयर फ्रांस की फ्लाइट 4590 उस मलबे से टकरा गई, जिससे एक टायर फट गया।
टायर के टुकड़े उछलकर विंग के निचले हिस्से से टकरा गए। इससे लैंडिंग गियर के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा। ऑयल टैंक फटने से तेल लीक हुआ। आग की लपटें निकलने लगीं। हालांकि ATC ने क्रू को इस घटनाक्रम की जानकारी दे दी थी, लेकिन भीषण आग को देखते हुए किसी भी एयरपोर्ट पर सेफ लैंडिंग संभव नहीं थी। परिणामस्वरूप प्लेन आसमान मे ही क्रैश हो गया। आग से घिरा मलबा नीचे गिरने से स्थानीय नागरिक भी बुरी तरह झुलस गए, जिनमें से 4 लोगों की मौत हुई थी।
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हादसे से 4 दिन पहले हुई थी प्लेन की जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे का शिकार हुआ प्लेन 25 साल पुराना था। वहीं इस हादसे के बाद कॉनकॉर्ड के बेड़े में शामिल सभी विमानों को उड़ान के लिए इस्तेमाल करने से रोक दिया गया। हालांकि एयरफ्रेम में हादसे की जांच रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के अनुसार बदलाव करने के बाद कॉनकॉर्ड प्लेन 7 नवंबर 2001 को वापस सेवा में आ गए थे, लेकिन 9/11 सितंबर के आतंकी हमले के बाद कॉनकॉर्ड प्लेन को मई 2003 में एयर फ्रांस और नवंबर 2003 में ब्रिटिश एयरवेज से रिटायर कर दिया गया।
जांच में यह सच भी सामने आया था कि हादसे से 4 दिन पहले 21 जुलाई 2000 को ही प्लेन की मरम्मत हुई थी, लेकिन इस दौरान किसी तरह का टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। फ्लाइट के कैप्टन क्रिश्चियन मार्टी (उम्र 54) थे। प्रथम अधिकारी जीन मार्कोट (उम्र 50) थे और फ्लाइट इंजीनियर गिल्स जार्डिनॉड थे। इनके अलावा 6 फ्लाइट अटेंडेंट भी थे।
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