Pakistan News: पाकिस्तान की सेना ने सोमवार को एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। वहीं, तीन मेजर और सात ब्रिगेडियर समेत 15 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। 102 उपद्रवियों पर आर्मी कोर्ट में मुकदमा चलाया जा रहा है। अफसरों पर पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सेना ने जांच के बाद यह कार्रवाई की है।
इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 9 मई को लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया। सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अरशद शरीफ ने कहा कि सेना ने हिंसा की दो बार जांच की। उसके बाद ये कार्रवाई की है।
Inter-Services Public Relations (ISPR) Director General (DG) Maj-Gen Ahmed Sharif said that three army officers, including a lieutenant general, were sacked from their jobs as a part of the military’s “self-accountability process” into the events of May 9, when when protests…
— ANI (@ANI) June 26, 2023
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पाकिस्तान के खिलाफ साजिश थी
मेजर जनरल अरशद शरीफ ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 9 मई की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि जो काम दुश्मन 76 साल में नहीं कर सके, वह बदमाशों और उनके मददगारों के एक समूह ने कर दिखाया।यह पाकिस्तान के लिए एक काला अध्याय है।
कई महीनों से बनाई जा रही थी हिंसा की प्लानिंग
मेजर जनरल अरशद शरीफ ने कहा कि घटना निसंदेह पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश थी। हिंसा की प्लानिंग पिछले कई महीनों से बनाई जा रही थी। प्लानिंग के तहत सबसे पहले अनुकूल माहौल बनाया गया और लोगों को सेना के खिलाफ भड़काया गया। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल सभी लोगों को संविधान और कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
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