Nimisha Priya Case: भारत में किसी को मौत की सजा सुनाई जाती है, तो उसको फांसी दी जाती है। वहीं, आपने कई खबरें पढ़ी होंगी जिसमें बताया जाता है कि वहां पर किसी शख्स को मौत की सजा हुई और उसको गोली मारी जाती है। ऐसा कानून कई मुस्लिम देशों में है। हाल ही में यमन में केरल की एक नर्स को मौत की सजा सुनाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नर्स को 16 जुलाई को सजा दी जानी है, लेकिन इसको लेकर कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है। आज आपको बताएंगे कि यमन में मौत के लिए क्या कानून है और किन अपराधों के लिए यह सजा सुनाई जाती है।
मौत की सजा का क्या है कानून?
भारत में 1973 की धारा 354(5) के मुताबिक, सजा पाए शख्स को फांसी की सजा दी जाती है, जिसमें गर्दन में फांसी का फंदा लगाकर उसको लटकाया जाता है, जब तक उसकी जान न निकल जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमन में मौत की सजा देने का तरीका थोड़ा अलग है।
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सजा पाए शख्स को गोली मारी जाती है। कई मामलों में यह काम सार्वजनिक तौर पर किया जाता है, जिसमें फांसी भी दी जा सकती है। यमनी दंड संहिता के अनुसार, पत्थर मारकर और सिर कलम करके भी मौत की सजा दी जा सकती है। हालांकि, पत्थर मारने वाला तरीका बहुत समय से चलन में नहीं है।
किन अपराधों में मिलती है सजा?
सर्वोच्च न्यायिक परिषद (SJC) इस तरह के मामलों की जांच करती है। यमन में मौत की सजा कई मामलों में दी जा सकती है। इसमें किसी का कत्ल करना, रेप, आतंकवाद और वेश्यावृत्ति के लिए भी मौत की सजा हो सकती है। इसके अलावा, राजद्रोह, चोरी, अपहरण और तस्करी करने के दौरान किसी की मौत हो जाती है, तो उसके लिए भी मौत की सजा हो सकती है।
भारत की तरह यमन में भी मौत की सजा को रोकने की पावर राष्ट्रपति के पास होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हूती शासन में मौत की सजाओं में पहले के मुकाबले ज्यादा उछाल आया है।
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