NASA Spots Mysterious Object in Space: अंतरिक्ष की दुनिया में एक ऐसी रहस्यमयी चीज घूमती दिखी है, जिसे देखकर वैज्ञानिकों के भी होश उड़ गए है। इस चीज की स्पीड और इसका नेचर उससे ज्यादा चौंकाने वाला है। दरअसल, सबसे पहले ब्रिटेन में खगोल विज्ञान के छात्र टॉम बिकल ने 10 लाख मील प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में घूम रही एक चीज खोजी है।
अंतरिक्ष की दुनिया में इस चीज को हाइपरवेलोसिटी ऑब्जेक्ट कहते हैं, जिसे कम द्रव्यमान वाला तारा कह सकते हैं और यह चीज अभी आकाशगंगा के गुरुत्वाकर्षण में है। इसकी उत्पत्ति संभवतः सुपरनोवा या स्टार क्लस्टर से होने की संभावना वैज्ञानिकों ने जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस हाइपरवेलोसिटी ऑब्जेक्ट की स्पीड जितनी है, यह स्पीड सूर्य की घूमने की गति से कहीं ज्यादा है और इसका द्रव्यमान भी सूर्य के द्रव्यमान का 8 प्रतिशत है। ऐसे में यह ऑब्जेक्ट सूर्य से ज्यादा ‘खतरनाक’ हो सकता है।
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स्पीड बढ़ी तो आकाशगंगा से निकल जाएगा तारा
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड के साउथैम्पटन में रहने वाले टॉम बिकल कहते हैं कि उन्हें आसमान में टिमटमाते तारे देखने का शौक है। इसलिए रात के समय आकाश में तारे देखते समय उनकी नजर एक असाधारण चीज पर पड़ी, जो कंप्यूटर स्क्रीन पर एक हल्की-सी चलती हुई बूंद जैसी दिखी। उन्हें यह चीज काफी असामान्य लगी। इस चीज के बारे में और पता लगाने पर जानकारी मिली कि यह एक प्रकार का तारा है, जो 10 लाख मील प्रति घंटे की आश्चर्यजनक स्पीड से अंतरिक्ष में घूम रहा है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के भौतिक विज्ञानी एडम बर्गसेर ने इस रहस्यमयी चीज पर रिसर्च की, जिसकी रिपोर्ट इसी महीने द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुई। हाइपरवेलोसिटी ऑब्जेक्ट को डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) में लिगेसी इमेजिंग सर्वे का इस्तेमाल करके दिया गया। आशंका है कि यह तारा आकाशगंगा से निकलकर बाकी अंतरिक्ष में घूम सकता है।
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3 अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने मिलकर इसकी खोज की
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नासा हबल फेलो करीम अल-बद्री कहते हैं कि यह एक तेज़ गति से चलने वाला छोटा सितारा है। अगर इसकी स्पीड और बढ़ी तो यह आकाशगंगा को दायरे से निकल सकता है। खगोलविदों ने 10 से ज्यादा हाइपरवेलोसिटी ऑब्जेक्ट की पहचान की है, जो आकाशगंगा में 900,000 मील प्रति घंटे से अधिक की गति से चलते हैं। यह स्पीड सूर्य की गति से दोगुनी है।
हालांकि पहले खोजे गए सभी हाइपरवेलोसिटी सितारों का द्रव्यमान हमारे सूर्य के करीब या उससे अधिक है। इसके विपरीत नए ऑब्जेक्ट CWISE J1249+3621 का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का केवल 8 प्रतिशत है। कम द्रव्यमान और इतनी ज्यादा स्पीड इस ऑब्जेक्ट की असामान्य उत्पत्ति की ओर संकेत कर रहे हैं। वहीं इस खोज का श्रेय बिकल सहित 3 खगोलविदों को दिया जाता है।
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