Mark Carney Canada: कनाडा के आम चुनावों में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी जीत की राह पर है। हालांकि अभी ये तय नहीं है कि लिबरल को बहुमत मिलेगा या इस बार भी गठबंधन की सरकार बनेगी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्क कार्नी को बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए भारत-कनाडा के संबंधों की बात कही। साथ ही कनाडा के साथ नए अवसरों पर भी बात की। कनाडा की राजनीति में मार्क कार्नी की फिर एंट्री ने भारत-कनाडा के बीच बेहतर संबंधों की उम्मीद जगा दी है। जो जस्टिन ट्रूडो के रहते 2023 में कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खराब हो गए थे। कनाडा ने इस मामले में कई बेबुनियाद आरोप लगाए, लेकिन अब कार्नी की सत्ता में वापसी से इन संबंधों के बेहतर होने की पूरी उम्मीद है। आइए अब आपको बताते हैं कि मार्क कार्नी की जीत भारत को किस तरह से प्रभावित कर सकती है।
क्या खालिस्तानियों के खिलाफ होगा एक्शन?
कार्नी निजी, आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर भारत के साथ खड़े हैं। कार्नी का कहना है कि जिस तरह से विश्व अर्थव्यवस्था इस समय हिली हुई है, ऐसे में भारत और कनाडा जैसे देश बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ट्रेड वॉर से मौके पैदा होंगे।
भारत के लिए सबसे बड़ा मुद्दा कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों की बढ़ती संख्या है। दुनिया को पता है कि ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी आतंकियों को खूब पाला-पोसा। इसी के साथ गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सरगना गोल्डी बराड़ के बारे में भी कहा जाता है कि वह इस वक्त कनाडा में है। इस चुनाव की अहम बात यह भी है कि खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह चुनाव हार गया है। ऐसे में भारत को उम्मीद है कि कनाडा की नई सरकार खालिस्तानियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेगी और कनाडा की सरकार अपनी जमीन को आतंक के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगी। इससे भारत को सुरक्षा का खतरा कम होगा।
प्रवासियों के लिए बेहतर बनेगा कनाडा
कनाडा प्रवासी भारतीयों के लिए अहम है। यहां करीब 28 लाख अस्थायी श्रमिकों, छात्र और स्थायी निवासियों के रूप में प्रवासी भारतीय रहते हैं। कार्नी समय-समय पर कनाडा में रह रहे प्रवासियों के लिए अपना समर्थन जताते रहते हैं। कुछ समय पहले टोरंटो के बाप्स स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और ओटावा सिख सोसायटी के गुरुद्वारे गए थे। जहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को अपना समर्थन दिया था। कनाडा में शिक्षा और रोजगार के अवसरों के प्रति बढ़ता रुझान भी देखा जाता है। हालांकि ट्रूडो के कार्यकाल में रिश्ते खराब हुए तो इस पर असर पड़ा। अब कार्नी से उम्मीद की जा रही है कि वे भारतीय छात्रों और श्रमिकों के लिए बेहतर माहौल बनाएंगे।
Congratulations @MarkJCarney on your election as the Prime Minister of Canada and to the Liberal Party on their victory. India and Canada are bound by shared democratic values, a steadfast commitment to the rule of law, and vibrant people-to-people ties. I look forward to working…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2025
व्यापारिक संबंध होंगे मजबूत
60 साल मार्क कार्नी मशहूर इकोनॉमिस्ट भी रह चुके हैं। वह बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड दोनों के प्रमुख रह चुके हैं। उनसे उम्मीद की जा रही है कि PM बनने के बाद कनाडा और भारत के बीच रुका हुआ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) बहाल हो सकेगा। इस व्यापार समझौते पर पिछले कई साल से चर्चा चल रही थी, लेकिन ट्रूडो के कार्यकाल के समय तनाव बढ़ने के बाद इसे टाल दिया गया। कार्नी के नेतृत्व में AI, फिनटेक, ग्रीन एनर्जी और हायर एजुकेशन में सहयोग बढ़ाने की संभावना गति पकड़ सकती है। अहम बात यह है कि दोनों देश चीन और अमेरिका पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में ये ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
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डोनाल्ड ट्रंप के विरोधी
मार्क कार्नी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विरोधी माना जाता है। कार्नी ने जीत के बाद अपने समर्थकों से कहा- “राष्ट्रपति ट्रंप हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका हम पर अपना अधिकार जमा सके, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा।” दरअसल, ट्रंप ने लगातार कनाडा को अमेरिका में मिलाने की बात कही थी। ट्रंप ने कनाडा को देश का 51वां राज्य बनाने की बात कही। इससे कनाडा की संप्रभुता को खतरा पैदा हो गया। कार्नी ने ट्रंप विरोधी बयानों को अपने कैंपेन में इस्तेमाल किया। जिसका नतीजा उन्हें जीत के रूप में मिला। ट्रंप की टैरिफ नीति भी एक बड़ी वजह बनी। टैरिफ नीति की वजह से कनाडा की अर्थव्यवस्था पर भी संकट के बादल छा गए। जिसका कनाडाई नागरिकों में विरोध देखने को मिला। हालांकि, अब यदि अमेरिका के साथ कनाडा के संबंध खराब होते हैं तो देखना होगा कि भारत इसमें क्या भूमिका निभाता है।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने मार्क कार्नी की जीत पर कहा- भारत-कनाडा के साझा लोकतांत्रिक मूल्य हैं। इसी के साथ दोनों देश कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हुए हैं। पीएम मोदी ने आगे उनके साथ काम करने के लिए उत्सुकता जताई। उन्होंने आगे लिखा- ”मैं हमारी साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
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