Judge Threatening Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सोमवार को एक बार फिर गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। यह वारंट इस्लामाबाद की जिला अदालत ने महिला जज जेबा चौधरी को धमकी देने के मामले में जारी किया है।
वरिष्ठ दीवानी जज राणा मुजाहिद रहीम ने पुलिस ने निर्देश दिया है कि वह 29 मार्च तक गिरफ्तार कर इमरान खान को अदालत में पेश करे। कोर्ट के आदेश के बाद एक टीम इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद से लाहौर रवाना हो गई है।
इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने सोमवार को एक महिला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में PTI अध्यक्ष इमरान खान के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया: पाकिस्तान के डॉन न्यूज से खबर pic.twitter.com/vgzYOZ5nXH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2023
अदालत में पेश नहीं हुए इमरान खान
दरअसल, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को सोमवार को अदालत में पेश होना था। लेकिन, उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अदालत में उपस्थिति से छूट की मांग करते हुए एक याचिका दायर की।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने इमरान खान की याचिका खारिज कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत के आदेश में इमरान खान को 29 मार्च को अदालत में पेश करने को कहा गया है।
क्या कहा इमरान खान ने?
पिछले साल 2022 अगस्त में, इमरान खान ने अपने विशेष सहायक शाहबाज़ गिल के साथ एकजुटता में एक राजनीतिक रैली की थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें हिरासत में प्रताड़ित किया जा रहा है। उस भाषण के दौरान, इमरान खान ने जज जेबा चौधरी को कथित रूप से धमकी देते हुए कहा कि उन्हें ‘खुद को तैयार रखना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस
इमरान खान इस बयान के बाद उनके खिलाफ न्यायाधीश को धमकी देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह केस पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 186 (सार्वजनिक कर्तव्य के निष्पादन में एक लोक सेवक को बाधित करने का अपराध), 188 (एक लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 504 (आपराधिक धमकी) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दर्ज हुई थी।
इमरान खान ने मांगी थी माफी
बाद में इमरान खान ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय माफी मांगते हुए एक याचिका लगाई गई थी। उसी केस इमरान खान को सोमवार को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। उनकी अनुपस्थिति के बाद, अदालत ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का आदेश दिया।