अमेरिका ने गाजा में जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए एक 20-बिंदुओं वाली शांति योजना पेश की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य संघर्ष को रोकना, बंधकों की सुरक्षित वापसी और क्षेत्र में स्थायी शांति व्यवस्था स्थापित करना है. इस प्रस्ताव पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह योजना इजरायल के सभी युद्ध लक्ष्यों को पूरा करती है और इसलिए इसे एक बड़ी उपलब्धि भी कहलायगी.
नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन
व्हाइट हाउस में नेतन्याहू ने ट्रंप के फैसले का समर्थन देते हुए कहा कि जब हमारे दोमों देश कंधे से कंधे मिलाकर खड़े होते हैं, तो हम असंभव को भी संभव करके दिखा सकते हैं.
नेतन्याहू के मुताबिक, इस प्रस्ताव से चार बड़े लक्ष्य प्राप्त होंगे. पहला, गाजा में बंधक बनाए गए सभी इजरायली नागरिकों और सैनिक सुरक्षित लौट आएंगे. दूसरा, हमास की सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह नष्ट किया जाएगा ताकि भविष्य में वह इजरायल के लिए खतरा न बने. तीसरा, हमास की राजनीतिक सत्ता का अंत किया जाएगा और गाजा में उनकी किसी भी तरह की शासन व्यवस्था को मान्यता नहीं मिलेगी. चौथा, गाजा का प्रशासनिक नियंत्रण हमास या फिलिस्तीनियों के हाथों में नहीं दिया जाएगा. इसके बजाय एक अंतरिम ढांचा तैयार किया जाएगा जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका होगी.
जारी रहेगी गाजा की सुरक्षा
नेतन्याहू ने यूएस व्हाइट हाउस में यह भी स्पष्ट कहा कि इस शांति योजना के तहत गाजा की सुरक्षा पर इजरायल का प्रभावी नियंत्रण बना रहेगा. उन्होंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण को भी गाजा प्रशासन से बाहर रखने की बात कही है. उनका मानना है कि यह दोनों संगठन इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.
हमास की चुप्पी बरकरार
हालांकि, अब तक व्हाइट हाउस में जारी हमास की ओर से इस प्रस्ताव को अभी तक औपचारिक मंजूरी नहीं दी गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह योजना अभी विवादित है क्योंकि फिलिस्तीन प्राधिकरण को इसमें कोई प्रमुख भूमिका नहीं दी गई है. इसके बावजूद नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया है और दावा किया है कि इससे इजरायल की सुरक्षा और गाजा में स्थायी शांति हो सकेगी.