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फिलिस्तीन के लिए प्रतिरोध का प्रतीक कैसे बन गया कटा तरबूज? जानें इजराइल से कनेक्शन

Israel Palestine War: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है। इजराइल ने दो टूक कहा था कि हमास के हर लड़ाके को मारने के बाद ही वह दम लेगा। लेकिन दोनों के संघर्ष के बीच अब तरबूज का जिक्र कैसे आया है? तरबूज को फिलिस्तीन के समर्थन और इजराइल के विरोध का प्रतीक क्यों माना जा रहा है?

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 30, 2024 18:11
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Israel Palestine

Israel Palestine Row: इजराइल के खिलाफ विरोध के लिए फिलिस्तीनी बड़े पैमाने पर कटे तरबूज का यूज करते हैं। इजराइल में फिलिस्तीन का झंडा लहराने पर रोक है। ऐसे में फिलिस्तीन समर्थक तरबूज को झंडे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया पर भी ऐसे वीडियो देखे जा सकते हैं। फिलिस्तीन की संस्कृति में तरबूज का महत्व काफी अधिक है। तरबूज से यहां कई व्यंजन बनाए जाते हैं। अब कला की दुनिया में भी तरबूज की एंट्री हो चुकी है। फिलिस्तीनी इजराइल के विरोध के तौर पर कटे हुए लाल, सफेद, हरे और काले रंग के तरबूज का प्रयोग सोशल मीडिया पर कर रहे हैं। गाजा पर इजराइल के हमलों के बाद यह सब आम हो गया है। गाजा पट्टी पर हुए इजराइली हवाई हमलों में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं।

इजराइल ने 1967 में कई जगह किया था कब्जा

इजराइल ने 1967 में वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद यहां पर फिलिस्तीन का झंडा लहराने पर रोक लगाई गई थी। ऐसा करने वालों को सख्त सजा देने का ऐलान इजराइल ने किया था। इसके बाद से फिलिस्तीनी विरोध दर्शाने के लिए तरबूज का प्रयोग करते हैं। माना जाता है कि कटा तरबूज फिलिस्तीनी झंडे के रंगों को प्रदर्शित करता है। इजराइल ने 1993 में ओस्लो समझौता किया था। जिसके बाद फिलिस्तीनी ध्वज पर बैन हटा लिया गया था। यह पहला औपचारिक समझौता था, जो फिलिस्तीन-इजराइल विवाद को हल करने के लिए हुआ था।

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समझौते के तहत इजराइल और फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन को पारस्परिक मान्यता देने की बात तय हुई थी। गाजा और वेस्ट बैंक प्रशासन को ध्वज को फिलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रतिनिधित्व करने के रूप में स्वीकार करने की छूट दी गई थी। 2007 में कलाकार खालिद हुरानी ने एक बुक लिखी थी। जिसका नाम सब्जेक्टिव एटलस ऑफ फिलिस्तीन था। इस पुस्तक में द स्टोरी ऑफ द वाटरमेलन पब्लिश हुई थी। 2013 में उन्होंने एक प्रिंट को अलग कर इसे द कलर्स ऑफ द फिलिस्तीनी फ्लैग के नाम से जारी कर दिया था।

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2021 में दोबारा हुई प्रतीक की वापसी

2021 में इस प्रतीक की दोबारा वापसी हुई थी। पूर्वी यरुशलम के शेख जर्राह में फिलिस्तीनी परिवारों के घरों को इजराइली कोर्ट के फैसले के बाद कब्जा लिया गया था। जनवरी 2023 में इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री ने नए आदेश जारी किए थे। जिसके बाद पुलिस ने फिलिस्तीनी झंडे को जब्त करना शुरू किया था। अरब-इजराइल समुदाय के संगठन जाजिम ने गिरफ्तारियों और झंडों की जब्ती के विरोध में एक कैंपेन शुरू कर दिया था। जिसके बाद 16 निजी वाहनों पर तरबूज की तस्वीरें लगाई गईं थीं। इसको लेकर कहा गया था कि यह फिलिस्तीनी झंडा नहीं है। एक चैनल को फिलिस्तीन के लोगों ने बताया था कि इजराइल की सरकार अगर रोकेगी तो वे विरोध का नया तरीका ढूंढ लेंगे।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 30, 2024 06:11 PM

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